Book Title: Shatkhandagama Pustak 16
Author(s): Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 314
________________ धवलासहितसमग्रषखंडागमस्य पारिभाषिक-शब्द-सूची (२६ डडी १९८ क्रोधसंज्वलन १३.३६० क्षायिकसम्यक्त्व १.३९५; | गच्छसमीकरण ४१५३ क्रोधाद्धा ४.३९१ ७.१०७,१४.१६ १४.३८ क्रोधोपशामनाद्धा ५.१९० क्षायिकसम्यक्त्वाद्धा ५.२५४ | गण क्षण ४.३१७; १३.२९५,२९९ | क्षायिकसम्यग्दृष्टि १.१७१ | गणधर ९.३,५८ क्षणलवप्रतिबोधनता ८.७९ ४.३५७; ६.४३२,४४१ / गगनकृति ९.२७४ ८५ | क्षायिकसंज्ञा ५.२०० | गगनानन्त ४.१५,१८ क्षणिकैकान्त ९.२४७ क्षायोपशमिक १.१६१,१७२; | गगनासंख्यात ३.१२४,१२६ क्षपक ४.३५४,४४७; ५.१०५, ! ५.२००,२११,२२०; गणित ४.३५,२०९ १२४,२६० ; ७.५; ८.२६५; ७.३०,६१ गणी १४.२२ ९.१० | क्षायोपशमिकभाव ५.१८५, | गती ६,५०,७.६,१३.३३८, क्षपकश्रेणी ४.३३५,४४७, ३४२,३४६ ५.१२,१०६; १०.२९५ | क्षिप्र ९.१५२| गति आगति . ६.३ १२.३० क्षिप्रप्रत्यय १३.२३७|गतिनाम १३-३६३,३६७ क्षपकश्रेणीप्रायोग्यविशुद्धि क्षीणक्रोध १४.१६ | ग गतिनिवृत्ति ९-२७६ ४.३४७ क्षीणदोष १४.१६ गतिमार्गता १३-२८०,२८२ क्षपकदश ५.१५६,१६० क्षीणमाया १४.१६ गतिसंयुक्त ८-८ क्षपण १.२१६ | क्षीण मोह १४.१६ | गन्ध ६-५५.८-१० क्षपित ९.१५ क्षीणराग १४.१६ गंधनाम १३-३६३.३६४,३७० क्षपितकर्माशिक ६.२५७; क्षीणलोभ १४.१६ | गन्धर्व १३-३९१ ९.३४२,३४५; १०.२२,२१६, | १४.३६ | गरुड १३-३९१ १२.११६,३८४,४२ क्षेत्रवर्गणा १४.५२ | गर्भोपक्रान्त ४-१६३ क्षपितघोलमान १०.३५,२१६ गर्भोपक्रांतिक ६-४२८, १२.४२६ खगचर ११.९०,११५, ७-५५५,५५६ क्षय ५.१९८,२०२,२११, १३.३९० १३-९६ २२०; ७.९; ९.८७,९२ खण्ड ७.२४७ क्षयोपशम ७.९२ गलितशेषगुणश्रेणी ६-२४९, खण्डित क्षयोपशमलब्धि ६.२०४ ३.३९,४१ २५३,३४५,१०-२८१ खातफल ४.१२,१८१,१८६ | गवेषणा क्षायिक १३-२४२ १.१६१,१७२; खेट ७.३० ; ९.४२८ ७.६,१३.३३५ | गव्यति १३.३२५ खेटविनाश १३.३३२,३३५, क्षायिकचारित्र १४.१६ गव्यूतिपृथक्त्व१३-३०६,३३८ क्षायिकपरिभोगलब्धि १४.१६ ३४१ ! गान्धार १३-३३५ खेलौषधि क्षायिकभोगलब्धि १४.१७ गारव ९.४१ क्षायिकलब्धि ७.९० गिल्ली १४-३८ क्षायिकलाभलब्धि १४.१७ | गगन ४.८ गुण.१-१७४,४-२००,९-१३७, क्षायिकविपाकप्रत्ययिक- गच्छ ४.१५३,२०१,१०.५०, १५-१७४ जीवभावबंध १४.१५,१६ १३.६३ गुणकाल गच्छराशि क्षेत्र गलस्थ ४.१५४) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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