Book Title: Shatkhandagama Pustak 16
Author(s): Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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प्रचय
प्रचला
प्रचलाप्रचला
प्रज्ञा
६-३१,३२,८-१० ;
धवलासहित समग्र षट्खंडागमस्य पारिभाषिक शब्द सूची
३-९४ | प्रतिपातस्थान
१३- ३५४ प्रतिपाती
६-३१;८-९;
१३- ३५४ ९-८२, ८३, ८४
प्रज्ञाभावछेदना
प्रज्ञाश्रवण
प्रतर ९-२३६; १०-३२०; १३-८४
प्रतरगत
प्रतरगत केवलिक्षेत्र
प्रतरगत केवली
प्रतरपल्य
प्रतरसमुद्घात
प्रतराकार
प्रतरावली
प्रतरांगुल
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१४-४३६ प्रतिष्ठा
९-८१,८३ प्रतिसारी
प्रतिपातीअवधि
६-५०१ प्रतिभाग ४ ८२, ५-२७०,२९० प्रतिराशि
९-१८८ ९-४५
प्रतिगुणकार प्रतिग्रह १६-४११, ४१४, ४९५ प्रतिपक्षपद १-७६; ९-३६ प्रतिपद्यमानस्थान ६-२७६,
प्रतिसारी बुद्धि
प्रतिपत्तिसमासश्रुतज्ञान
प्रतिपत्तिसमासावरणीय
प्रति सेवित
७-५५ प्रतिक्षण
४-५६ प्रतीच्छा ४-१९ प्रतीच्छना ३-७८ | प्रतीत सत्य
४- २९,४३६ प्रत्यक्ष
४-२०४
४-३८९
प्रत्यक्षज्ञानी
३-७८,७९,८० ; ४-१०,४३,४९,१५१,१६०, प्रत्यभिज्ञान
प्रत्यय
१७२,५-३१७,३३५,९ - २१ प्रतरांगुल भागहार ४-९८ प्रत्ययनिबन्धन
प्रतिक्रमण १ ९७, ८-८३, ८४,
१३-३६३
६- २८३ | प्रत्येक नाम ५-३२३ ७-५६४ | प्रत्येकबुद्ध १३-८३ | प्रत्येकशरीर १-२६८; ३-३३१, ३३३; ६-६२; ८-१० ; १३-३८७, १४-२२५
| प्रत्येकशरीरद्रव्यवर्गणा १४-६५ प्रथम त्रिभाग १४-५०१,५०२ प्रथक्त्व ३-८९ १३-१३,७७ प्रथक्त्वविर्कवीचार १३-७७,
८०
१०-६७
१३- २४३ ९-५७,६० १३-२७१, २७३
१३- ३४६ | प्रथक्त्ववितर्कवीचार१४-९ | शुक्लध्यान
१३- २०३ प्रथम दण्ड
९- २६२ प्रथम निषेक
१- ११८ प्रथम पृथिवी १-१३५ ; ४-३३९; |प्रथम पृथिवीस्वस्थानक्षेत्र
६-२६; ९-५५,१४२;
( ४०
४-१८२
६-३.२०४, १३-२१२,२१४ | प्रथम सम्यक्त्व २०६,२२३,४१८; १०-२८५
८-५७ प्रथम समय शपशमसम्यग्दृष्टि
९-१४२
५-११५ १५-२
प्रत्ययप्ररूपणा
७-१३
प्रत्ययविधि
प्रत्याख्यान
प्रथमाक्ष
८-८ ३०८ १-१२१; ६-४३, ७-४५ ४४ ८-८३, ८५; १३-३६० प्रथमानुयोग १ - ११२; ९-२०८ प्रत्याख्यानदण्डक ८-२७४ ; प्रदेश १३-११ ९-२२२ प्रदेश उदीरक अध्यवसानस्थान ७-१६७ १६-५७७
८-९ | प्रदेशगुणहानिस्थानान्तर
६-४४
१३-२६१ प्रत्येक अनन्तकाय
४-३९१
७-३१३
६-१७३
४-८८
२७८ प्रत्याख्यानपूर्व प्रत्याख्यानावरण
प्रतिपत्ति ६- २४; १२-४८० ; १३-२९२ | प्रत्याख्यानावरणीय
प्रतिपत्तिआवरणीय १३-२६१ प्रत्यागाल प्रतिपत्तिसमास
६-२३३,३०८ प्रदेशघात १३- २४३ | प्रदेशछेदना १२- ४८० प्रत्यावली ६- २३३, २३४, ३०८ प्रदेशदीर्घ
१६-३७६ ६-२३०, २३४ १४-३३६
६-२४; प्रत्यामुण्डा
१६-५०९
प्रत्यासत्ति ४-३७७ ८-६ प्रदेशप्रमाणानुगम १४-३२१ १३-२६९ | प्रत्यासन्नविकानुपूर्वी फल
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६-२३५
प्रथम समय तद्भवस्थ १४-३३२ प्रथम संग्रहकृष्टिअन्तर६-२७१ प्रथम स्थिति ६-२३२,२३३,
प्रदेशबंध ६- १९८,२००,८-२ ४- १७५ प्रदेशबंधस्थान १०-५०५,५११ १- २७४ | प्रदेश मोक्ष
१६-३३८
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