Book Title: Shatkhandagama Pustak 16
Author(s): Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 329
________________ ४१) परिशिष्ट प्राणी १६.५७७ प्रयोजन प्रदेशविन्यासावास १०.५१ प्रमेय ७१६ | प्राण . १.२५६,२.४१२' प्रदेशविपरिणामना १५.२८३ 'प्रमेयत्व ४.१४४ ३.६६१२.२७६ प्रदेशविरच १४३५२ प्रमोक्ष ८.३ प्राणत १३.३.८ प्रदेशविरचित अल्पबहत्व प्रयोग १२.२८६; १३.४४ प्राणातिपात १२.२७५,२७६ १०.१२०,१३६ प्रयोगकर्म १३.३८,४३,४४ प्राणावाय १.१२२,९.२२४ प्रदेशसंक्रम ६.२५६,२५८; प्रयोगपरिणत १४ २३,२४ १६.४०८.प्रयोगबन्ध १४.३७ । प्राण्यसंयम ८.२१ प्रदेशसंक्रमणाध्यवसास्थान प्रयोगश:उदय १५.२८९ प्राधान्यपद १.७६,९ १३६ ८.१ प्राप्तार्थग्रहण ९.१५७,१५९ प्रदेशह स्व प्ररूपणा १.४११ प्राप्ति ९.७५ प्रदेशाग्र ६.२२४,२२५ | प्ररोहण १४.३२८ प्राभूत ६.२५,९.१३४, प्रदेशार्थता १६.९३ | प्रवचन ८.७२,७३,९०; १२.४८० प्रधान द्रव्यकाल ११.७५ १३.२८०,२८२ प्राभृतज्ञायक १३.३ प्रधानभाव प्रवचनप्रभावना ८.७९,९१ प्राभृतप्राभूत ६.२४,१२.४८०, प्रपद्यमान उपदेश ३.९२ प्रवचनभक्ति ८.७९.९० १३.२६० प्रबन्धन १४.४८०,४८५ | प्रवचनवत्सलता ८.७९.९० । प्राभृतप्राभृतश्रुतज्ञान १३.२७० प्रबन्धनकाल | प्रवचनसन्निकर्ष१३.२८०,२८४ भृतप्राभृतसमास ६.२४; प्रभा १४.३२७ प्रवचनसन्यास १३.२८४ १२.४८०; १३.२७० प्रभापटल प्रवचनाद्धा १३.२८०,२८४ प्राभृतप्राभृतसमासावरणीय प्रमत्तसंयत १.१७६;८.४ प्रवचनार्थ १३.२८०,२८२ १३.२६१ प्रमत्ताप्रमत्तसपरावर्तसहस्र प्रवचनी १३.२८०.२८३ प्राभृतप्राभृतावरणीय १३.६६१ ४.३४७ प्रवचनीय १३.२८०,२८१ प्राभृतश्रुतज्ञान १३.२७० प्रमाण ३.४,१८४.३९६; प्रवरवाद १३२८०,२८७ प्राभृतसमास ६ २५, १२.४८० ७.२४७,९१३८,१६३ प्रवाहानादि ७.७३ प्राभृतसमासश्रुतज्ञान १ ३.२७० प्रमाण (परिणाम) ३४०; प्रवेध ४.१९१ प्राभृतसमासावरणीय १३.२६१ प्रमाण (राशि) ३.१८७,१९४ |प्रश्नव्याकरण १.१०४,९.२०२ प्राभृतावरण १३.२६१ प्रामाण्य ९.१४२ प्रमाणकाल ११.७७ प्रशम प्रायश्चित १३.५९ प्रमाणधनांगुल ४.३५ प्रशम्ततजसशरीर ४.२८%; प्रायोग्यलब्धि ६.२०४ प्रमाणपद १.७७ ; ९६०,१३६, ७.४०० ६.७६ १९६,१३.२६६ प्रशस्तविहायोगति प्रायोपगमन १.२३ प्रमाणराशि ४.७१,३४१ |प्रशस्तोपशामना १५.२७५ प्रावचन १३.२८० प्रमाणलोक १५.२५ प्राशकपरित्यागता ८.८७, प्रमाणवाक्य प्रसज्यप्रतिषेध ७.८५,४७९ प्रमाणांगुल ४.४८,१६०,१८५ प्रस्तार ४.५७ प्रासाद १४.३९ प्रमाद ७.११ प्राकाम्य ९.७६,७९ १२.२८४ प्राकार १४.४० | प्रेयस ९.१३३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org ४२,७२/ प्रवेशन प्रेम

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