Book Title: Shatkhandagama Pustak 16
Author(s): Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
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धवलासहितसमग्रषट्खंडागमस्य पारिभाषिक-शब्द-सूची
(२८
__३५५
शिरम
९-८८
१०.४९४
६-२१०
घातक्षुद्रभवग्रहण ४-२९२; | चक्षुरिन्द्रियअर्थावग्रह १३-२२७ | चतुष्पद
११-३९१ ७-१२६,१३६; १४-३६२ | चक्षदर्श १-३७९,३८२; | | चन्द्र
४-१५०,३१९ घातक्षुद्रभवग्रहणमात्रकाल
१३-३५५/ | चन्द्रप्रज्ञप्ति १-१०९,९-२०६ ७-१८३ | चक्षुदर्शनावरणीय १३-३५४
चन्द्रबिम्बशलाका ४-१५९ घातपरिणाम १२-२२०,२२५
चयन १३-३४६,३४७ घातस्यान १२-१३०,२२१,
१४-२३८
चयनलब्धि १-१२४; ९२३१; १६-४०७ चतुःशिरस् १३-८९
२२७; १३-२७० घातायुष्क चतुःषष्ठिपदिकदण्डक १२-४४ |
१-२२ घातिक ७-६२ | चतुःसामयिकअनुभागस्थान ।
च्यावितदेह ९-२६९ घातिसंज्ञा १५-१७१,१६
१०-२०२० च्युत
१-२२ ३७७,५३९| चतु:सामयिकयोगस्थान च्युतदेह
९-२६९ घोरमान ६-२५७
चरमफालि घोरगुण चतु.स्थानबंधक ११-३१३
चरमवर्गणा
६-२०१ घोरतप ९.९२ चतु:स्थानिक १५-१७४
चारण
९-७८ घोरपराक्रम ९-९३ चतु:स्थानिकअनुभागबन्धक ।
चारित्र ६-४०; १५-१२ घोलमानजघन्ययोग १६-४३५
| चारित्रमोहक्षपण ७-१४ घोष १३-२२१,३३६ | चतुःस्थानिकअनुभागवेदक
चारित्रमोहनीय ६-३७,४०; घोषसम ९-२६१,२६९;
१३-३५७,३५९ १३-२०३, १४.९ चतुःस्थानिक अनुभागसत्कोमक
| चतुःस्थानिक अनुभागसत्कमिक चारित्रमोहोपशामक ७-१४ घ्राणनिर्वृति १-२३५ |
६-२०९ चारित्रविनय ८-८०,८१ घ्राणेन्द्रिय ४-३९१; ७-६५ | चतुरमलबुद्धि ९.५८| चार्वाक १३-२८८ घ्राणेन्द्रियअर्थावग्रह १३-२२८ | चतुरिन्द्रिय १-२४४,२४८; चालनासूत्र १०-९ घ्राणेन्द्रिय अवाय १३-२३२
७-६५,८-९ चित्रकर्म ९-२४२; १३-९, घ्राणेन्द्रिय ईहा १३-२३२ चतुरिन्द्रियजाति ६-६८
४१,२०२; १४-५ घ्राणेन्द्रिय व्यञ्जनावग्रह चतुरिन्द्रियजातिनाम १३-३६७ चित्रा
४-२१७ १३-२२५/ चतुरिन्द्रियलब्धि १४-२०
१३.२४४,३३२, चतुर्गति निगोद १४-२३६
३३३,३४१ चक्रवर्तित्व ६-४८९,४९२, चतुर्थपृथिवी
४-८९ चिरन्तन अनुभाग १२-३६ ४९५,४९६ | चतुर्थस्थान ११-३१३
चुन्द
१४-३८ चक्षुदर्शन ६-३३, ७-१०१; / चतुर्थस्थान अनुभागबन्ध
९-२७३ १५-१०
११-३१३ | चूर्णचूणि १२-१६२ चक्षुदर्शनस्थिति ५-१३७,१३९ | चतुर्थसमुद्रक्षेत्र ४-१९८ | चूणि
१२-१६२ चक्षुदर्शनावरणीय ६-३१,३३ / चतुर्दशगुणस्थाननिबद्ध ४-१४८ चूणिसूत्र ८-९; १२-१३२ चक्षुदर्शनी ७-९८;८-३१८| चतुर्थपूर्वधर १५-२४४ | चूलिका ७-५७५; ९-२०९; चक्षुरिन्द्रिय १-२६४; ४-/ चतुर्दशपूर्वी ९-७०; १६-५४१ / १०-३९५; ११-१४०; ३९१; ७-६५ / चतुर्विंशतिस्तव १-९६,९-१८८ |
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| चूर्ण
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