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ग्रीक और रोमन पौराणिक कथा में सरस्वती की समकक्ष देवियाँ
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ग्रीक और भारतीय पौराणिक कथा में अनेक समताएँ उपलब्ध होती हैं । स्पष्टतः वहाँ बहुदेववाद' होने पर भी ग्रीस, रोम तथा भारत की देवियों में आश्चर्ययुक्त समानताएँ उपलब्ध होती हैं ।' ग्रीक की कुछ देवियाँ रोमन देवियों के समकक्ष हैं । जैसे ग्रीक 'अफरोदिते' रोमन 'वेनस' के समकक्ष है । ग्रीक 'एथीन' रोमन 'मिनर्वा ' के समकक्ष हैं । इसी प्रकार अन्य देवियों में समानताओं का अन्वेषण किया जा सकता है | यहाँ ‘समकक्षता' अथवा 'समानता' का तात्पर्य कार्यों की तुलनात्मक तुल्यता है। अथवा स्थान - विशेष की तुल्यता है । इस तुल्यता में अन्य अनेक बातों का समावेश होता है । इन समानताओं का मेल हमें इस बात की याद दिलाता है कि इन विप्रकृष्ट देशों में अति प्राचीन काल में पारस्परिक सम्बन्ध था और उनमें लेन-देन की प्रथाएँ प्रचलित थीं । प्राचीन काल में इन देशों की भौगोलिक स्थिति आज जैसी नहीं थी और यह कल्पना की जाती है कि इनका पारस्परिक संबन्ध समुद्री मार्गों से जुड़ा था । ये समुद्री मार्ग इन देशों को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि सम्बन्धों के निमित्त जोड़े हुए थे । प्रकृत विषय में यह कहा जा सकता है कि भारतीय सरस्वती रोमन मिनर्वा तथा ग्रीक एथीन के समकथ है । एथीन को एथना भी कहते हैं, जिसे रोमन मिनर्वा से समीकृत करते हैं ।
१. सरस्वती तथा मिनर्वा :
मिनर्वा रोमन देवी है । वह सम्पूर्ण आर्टस, व्यापार, स्मृति तथा युद्ध की संरक्षिका है ।' सरस्वती भी सभी प्रकार के कलाओं और विद्याओं की संरक्षिका है ।
१. सिडनी स्पेन्सर, मिस्टिसीज्म इन वर्ल्ड रिलीजन ( लण्डन, १९६६), पृ० १२२
२. चार्ल्स कालेमन, दि माइथालोजी श्रॉफ दि हिन्दूज ( लण्डन, १८३२), पृ० १० ३. सी० विट, मिथ्स ऑफ हेल्लास और ग्रीक टेल्स (न्युयार्क, १९०३), पृ० १० ( भूमिका भाग )
४. इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका, भाग २ ( शिकागो, १९६६), पृ० ६६८
५. चैम्बर्स इन्साइक्लोपीडिया, भाग ६ ( लण्डन, १९६७), पृ० ४२७
६. जान डाउसन, ए क्लासिकल डिक्शनरी श्रॉफ हिन्दू माइथालोजी ( लण्डन, १६६१), पृ० २८४