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१२८ संस्कृत-साहित्य में सरस्वती की कतिपय झांकियां ...
नृत्य करती हुई सरस्वती की प्रतिमा हाथों में अक्षमाला, अङ्कश, कमल, फन्दा, पुस्तक तथा वीणा धारण करती है । यह रत्न-जटित मुकुट तथा तत्कालीन आभूषणों से सुसज्जित है। इस का वाहन हंस दक्षिण पद के निकट प्रदर्शित है। यह मूर्ति होयशाल कला की अत्युत्तम कलाओं में
से एक है। त्लेट १५ : कमलासन पर कमलासन मुद्रा में बैठी सरस्वती की मूर्ति है। इस का
दाहिना हाथ टूटा हुआ है तथा वाम हाथ पुस्तक धारण करता है । यह जटामुकुट, सामान्य आभूषण तथा स्तन-पट्टी धारण किए हुए है। दोनों ओर चौरी धारण करने वाले दो सेवक हैं। दाढ़ी-धारण किए हुए ऋषि दोनों ओर प्रदर्शित हैं, जो उस की आराधना कर रहे हैं । प्रतिमा चोला
कला की उत्कृष्ट प्रतिकृति है। प्लेट १६ : विद्या एवं कला की देवी द्विगुणित कमलासन पर बैठी है । यह चार हाथों
वाली देवी जटा-मुकुट, अर्धचन्द्राकार हार, पवित्र यज्ञोपवीत तथा कर्धनी से बंधी धोती धारण करती है ।