Book Title: Sambdohi Times Chandraprabh ka Darshan Sahitya Siddhant evam Vyavahar
Author(s): Shantipriyasagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 42
________________ बनाने के लिए श्री चन्द्रप्रभ ने जो सात बातें कही हैं वे निम्न हैं - अलग तरह का व्यक्तित्व उभरने लगता है। पुस्तक में संवेदना, 1. बोलने से पहले मुस्कुराएँ व अभिवादन करें, 2. अदब से बोलें, 3. नृशंसता, राजनीति, नारी, क्रोध, शांति, सत्य, धर्म जैसे विषयों पर आत्मविश्वास से बोलें, 4. प्रशंसा करते हुए बोलें, 5. श्रेष्ठ बुद्धि का समसामायिक एवं प्रेरणादायी विश्लेषण एवं मार्गदर्शन हुआ है। इस इस्तेमाल करते हुए बोलें, 6. गाली-गलौच न करें और 7. जो भी बोलें पुस्तक में जीवन उत्थान से लेकर नारी, समाज, धर्म, राजनीति और उस पर अटल रहें। श्री चन्द्रप्रभ ने जीवन का दारोमदार आत्मविश्वास अध्यात्म के हर बिंदु को छूने की कोशिश की गई है। पुस्तक पढ़ने से को माना है और उसे जगाने के लिए सुबह फूर्ति से उठने, प्रतिदिन जीवन-जगत के अनेक रहस्यों से सहज साक्षात्कार होने लगता है। जो सुबह 20 मिनट तेजी से चलने, सीधी कमर बैठने, चेहरे पर हँसी- लोग जीवन में कुछ होना, पाना या उपलब्ध होना चाहते हैं उनके लिए खुशी रखने और वीर हनुमान को आदर्श बनाने की सिखावन दी है। यह पुस्तक श्रेष्ठ मार्गदर्शक का काम करती है। निश्चय ही, यह पुस्तक मुर्दा बन चुकी जिंदगी में प्राण फूंकने का काम निष्कर्ष करती है। नई पीढ़ी को इस पुस्तक का आचमन जरूर करना चाहिए। इस साहित्य-परिचय से निष्कर्ष निकलता है कि श्री चन्द्रप्रभ ने राष्ट्र-निर्माणपरक साहित्य जीवन-निर्माण, व्यक्तित्व-विकास एवं राष्ट्रीय उत्थान से जुड़ा (1) यह है रास्ता...इंसान के जीवंत धर्म का विशाल साहित्य लिखकर विश्व-निर्माण में अथक योगदान दिया है। उनके जीवन-निर्माणपरक साहित्य से आम व्यक्ति का जीवन स्तर (2) अब भारत को जगना होगा (3) प्याले में तूफान। उन्नत हुआ है। लोगों को उमंग, उत्साह एवं आनंदपूर्ण जीवन जीने के उपर्युक्त पुस्तकों का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है - नए सूत्र प्राप्त हुए हैं। उनकी वजह से पारिवारिक रिश्तों में मिठास बढ़ी यह है रास्ता इंसान के जीवंत धर्म का... है। माता-पिता बच्चों के संस्कार-निर्माण के प्रति जागरूक हुए हैं। इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने धर्म के संदर्भ में बिल्कुल भिन्न एवं नया पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के बीच तालमेल पनपा है। लोगों के नज़रिया प्रस्तुत करने की कोशिश की है। वे पिछडे हए ज़मानों के धर्म की शारीरिक एवं मानसिक स्तर में भी कई गुना सुधार हुआ है। आज विश्व बज़ाय इंसान के हाथों में जीवंत धर्म की रोशनी थमाना चाहते हैं जो कि में लाखों पाठक ऐसे हैं, जो प्रतिदिन उनके साहित्य का आचमन कर अखिल मानव जाति का अभ्युदय कर सके। उन्होंने इस पस्तक में एक घर-परिवार और जीवन में नई ताजगी, नया सुकून उपलब्ध कर रहे हैं। तरफ घर-परिवार और समाज को स्वर्गमय बनाने व इंसानियत से मोहब्बत श्री चन्द्रप्रभ का व्यक्तित्व-निर्माणपरक साहित्य विशेष रूप से करने की सिखावन दी है वहीं दूसरी तरफ ईश्वर के अनुग्रह का पात्र बनने युवा पीढ़ी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस साहित्य ने जीवन की भी प्रेरणा दी है। धर्म की वास्तविकता सीखने के लिए यह पुस्तक से हताशा दूर कर हजारों युवाओं में आत्मविश्वास की अलख जगाई बेहतरीन मार्गदर्शक का काम करती है। इसमें जीवन निर्माण से लेकर है। उनका साहित्य इतना सरल, रोचक और प्रभावक है कि पढ़ने मात्र व्यक्तित्व विकास तक व समाजोत्थान से लेकर आध्यात्मिक विकास तक से कॅरियर-निर्माण की राह आसान हो जाती है। निश्चय ही, श्री के सभी पहलुओं का समावेश किया गया है। चन्द्रप्रभ का साहित्य युवाओं के लिए कॅरियर एवं प्रबंधन गुरु का काम अब भारत को जगना होगा कर रहा है। इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने भारत और भारतीय संस्कृति को नए श्री चन्द्रप्रभ ने राष्ट्र-निर्माण पर जो साहित्य लिखा है वह राष्ट्रीय अर्थ में प्रकाशित किया है। उन्होंने व्यक्ति को नैतिक, पारिवारिक, विकास में उपयोगी सिद्ध हुआ है। राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान से सामाजिक, राष्ट्रीय मर्यादाओं और मल्यों से जोडा है। वे नैतिकता की जुड़ा उनका चितन विद्वतजनों में भी समादृत रहा है। यद्यपि वर्तमान में पनप्रतिष्ठा करने.परिवार में त्याग का महत्त्व समझाने में सिद्धहस्त हैं। प्रमोद बत्रा, शिवखेड़ा जैसे साहित्यकारों का साहित्य प्रतिष्ठित हुआ है. उन्होंने दन अध्यायों में धर्म की सही समय टीशी पति मटित पर पुस्तकों की कीमत की अधिकता के चलते आम व्यक्ति उनका का भाव रखने और मंदिर जाने की प्रेरणा भी पस्तक में दी गई है। लाभ नहीं उठा पाता है। इस संदर्भ में श्री चन्द्रप्रभ का साहित्य श्री उन्होंने विचार-शक्ति को प्रखर बनाने के लिए ध्यान को अपनाने के जितयशा फाउडशन द्वारा गाता प्रस, गोरखपुर से प्रारत होकर बहुत ही लिए प्रेरित-उत्साहित किया है। इस पुस्तक में उपदेश कम अनुभव कम मूल्य पर उपलब्ध करवाया जाता है, जिसकी वजह से वह हर ज़्यादा हैं। श्री चन्द्रप्रभ इन्हीं अनुभवों से सोये भारत को, हर भारतीय सामान्य से सामान्य व्यक्ति के लिए भी सहज सुलभ है। साहित्य की को जगाना चाहते हैं। उन्होंने स्वयं से लेकर परिवार तक, समाज से सरलता, सुंदरता, सरसता के साथ सस्ता होने की वजह से वह बहुत लेकर राष्ट्र तक, मन से लेकर आत्मा तक हर पहलू को छुआ है और लोकप्रिय हुआ है। इसी की राह चलते हिन्द पॉकेट बुक और पुस्तक इंसान को हर ओर से सर्वश्रेष्ठ बनाने का मार्गदर्शन दिया है। यह पुस्तक महल, दिल्ली जैसे राष्ट्रीय स्तर के प्रकाशकों ने भी श्री चन्द्रप्रभ के उस हर व्यक्ति के लिए उपयोगी है जो स्वयं को कुछ बनाना चाहता है, साहित्य को कम मूल्य में बड़े स्तर पर देशभर में उपलब्ध करवाया है। स्वयं में कुछ जगाना चाहता है अथवा धरती के सृजन में अपनी आहूति अगर श्री चन्द्रप्रभ का साहित्य इसी तरह विस्तृत फैलता चला गया तो समर्पित करना चाहता है। देश का आने वाला कल सुखी, समृद्ध और मधुर जीवन का मालिक होगा। प्याले में तूफान पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने व्यक्ति, समाज, राजनीति और धर्म की कड़वी सच्चाइयाँ उजागर की हैं। इन्हें पढ़ने से व्यक्ति के भीतर एक 42 » संबोधि टाइम्स For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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