Book Title: Sambdohi Times Chandraprabh ka Darshan Sahitya Siddhant evam Vyavahar
Author(s): Shantipriyasagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 41
________________ की बारीकियों के प्रति गहरी पकड़ है। उनका नज़रिया बिल्कुल सहज सुहाना बनाने के लिए आत्मविश्वास और असाधारण सोच को व व्यावहारिक है। वे मानव-जाति के विकास में विश्वास रखते हैं । युग आत्मसात् करने की प्रेरणाएँ दी गई हैं । यह पुस्तक जीवन के हर हिस्से की नब्ज को पकडते हुए उन्होंने बाल-मनोविज्ञान पर बेहतरीन पुस्तक को सूरज की तरह रोशनी प्रदान करती है। परिवार, व्यापार, व्यवहार, लिखी है जिससे न केवल नई पीढ़ी लाभ उठा सकती है वरन् पुरानी साधना, सफलता, बचपन, बुढ़ापा, वर्तमान, भविष्य आदि सभी पीढ़ी भी बच्चों के विकास व संस्कार-निर्माण पर बेहतर मार्गदर्शन पहलुओं को सुंदर बनाने के लिए अतिसुंदर मार्गदर्शन इस पुस्तक में प्राप्त कर सकती है। पुस्तक के हर पन्ने में नई जीवन-दृष्टि है। पन्ने- संयोजित हुआ है। यह पुस्तक हर सुबह को सुनहरा बनाने में सौ दर-पन्ने से व्यक्तित्व-विकास व बाल मनोविज्ञान के रहस्य खुलते प्रतिशत समर्थ है। जाते हैं जो नई पीढी को नई ऊर्जा व सार्थक दिशा देने में मील का पत्थर कैसे जिएँक्रोध एवं चिंतामुक्त जीवन साबित होंगे। इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने जीवन में अशांति पैदा करने वाले कैसे पाएँ मन की शांति तत्त्वों से मुक्त होने और शांति युक्त जीवन जीने का बेहतरीन मार्गदर्शन पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने मन की शांति को दुनिया की सबसे बड़ी प्रस्तुत किया है। उन्होंने चिंता से मुक्त होने, क्रोध को काबू में करने, दौलत बताया है। उन्होंने इस पुस्तक में मन की शांति के दुश्मनों का जीवन में शांति को साधने, व्यवहार को बेहतर बनाने, बच्चों की बेहतर विस्तृत रूप से विश्लेषण किया है और व्यक्ति किस तरह हर हाल में परवरिश करने, परिवार को खुशहाल बनाने और आहार से आरोग्य को शांत, प्रसन्न, ख़ुश, आनंदपूर्ण रह सकता है इसका श्रेष्ठ मार्गदर्शन दिया साधने के लिए प्रभावी नुस्खे बताएँ हैं। जिन्हें अपनाकर व्यक्ति जीवन है। उन्होंने इसके साथ चिंता, क्रोध, तनाव, बुरी आदतों से बचने के को खुशियों से भरा हुआ व खूबसूरत बना सकता है। श्री चन्द्रप्रभ ने उपाय भी बताए हैं, साथ ही मन की मज़बूती के लिए सरल गुर थमाए विविध विषयों पर सरल, मनोवैज्ञानिक शैली में मार्गदर्शन देकर जीवन को आनंदपूर्ण एवं उत्सवपूर्ण बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने मन की शांति पाने के लिए जो अचूक कैसे खोलें किस्मत के ताले उपाय बताएँ हैं वे बेशकीमती हैं, उन्हें आत्मसात कर व्यक्ति जीवन में इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने किस्मत के बंद तालों को खोलने की बहुत कुछ पा सकता है। शब्दों का सौन्दर्य, अर्थ ही गहराई, भाषा की कला सिखाई है। आज हर कोई कामयाबी के शिखर को छूने में लगा सहजता, विचारों की स्पष्टता ने पुस्तक को प्रभावक एवं संप्रेषणीय है, पर शिखर को छूने का सीधा-सरल और सटीक मार्ग मिल जाए तो बना दिया है। पुस्तक में मन के हर पहलू पर दी गई बेहतरीन अंतर्दृष्टि राह बिल्कुल आसान हो जाए। यह पुस्तक उसी राह को दिखाने वाली लाज़वाब है। इस पुस्तक को पढ़कर व्यक्ति सहजतया मन की शांति टॉर्च है। यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो करना तो चाहते हैं, पर कर को प्राप्त कर सकता है। नहीं पाते, बनना और बढ़ना तो चाहते हैं, पर बन और बढ़ नहीं पाते। कैसे बनाएँ अपना कॅरियर पुस्तक पढ़ते ही तन-मन में एक ऐसा जूनून साकार होने लगता है कि पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने कॅरियर बनाने को बहत बडी साधना हाँ मैं अवश्य कुछ कर सकता हूँ। दुनिया में मेरा होना अकारण नहीं है। बताया है और कॅरियर में बाधक बनने वाली अनेक समस्याओं का पुस्तक इन्द्रधनुषी आभा लिए हुए हैं, इसमें उतरकर हमें ऐसा लगेगा जिक्र किया है। इन समस्याओं से बाहर निकलने के लिए उन्होंने ऊर्जा कि जैसे हम जहाँ पहुँचना चाहते हैं वहाँ का रास्ता एकदम स्पष्ट हो भरे संदेश दिए हैं। उन्होंने आरक्षण की नीति को देश का दुर्भाग्य और गया है। गरीबी को अभिशाप बताया है। वे युवाओं को सरकारी नौकरियों पर पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने किस्मत कैसे जगाएँ, जिंदगी कैसे बदलें, निर्भर रहने की बजाय स्वयं की प्रतिभा को जागृत करने का संदेश देते प्रतिभा को कैसे निखारें, कैसे बोलें, कैसे सोचें और कैसे आत्मविश्वास हैं। उन्होंने सफलता के शिखर तक पहुँचे लोगों का जिक्र करते हुए जगाएँ जैसे बिन्दुओं पर अद्भुत विवेचन किया है। वे कहते हैं, "जीत चिंता-तनाव- गुस्से से बचने और मानसिक विकास व सोच पर ध्यान के लिए एक ही बुनियादी चीज चाहिए, वह है जीत का जज्बा। देने की प्रेरणा दी है। विश्वास रखो, जो चोंच देता है वह चुग्गा भी देता है। जो पुरुषार्थ अंतिम क्षण तक भीतर में जोश व जुनून को बरकरार रखने के लिए करता है उसे परिणाम अवश्य मिलता है। हाँ, इतना जरूर है कि किसी यह पुस्तक कवच का काम करती है। पुस्तक में ऐसे जादुई भरे संदेश को सफलता पहले चरण में मिलती है तो किसी को दसवें चरण में।" उन्होंने जीवन को परिणाम तक पहुँचाने की प्रेरणा दी है। उनका कहना दिए गए हैं जो एक बार मुर्दे में जान फूंक देते हैं । साधारण व्यक्ति को है, "ईश्वर हमें हर रोज 1440 मिनट देता है। बिल क्लिंटन को भी, भी असाधारण लक्ष्य तक पहुँचाने वाली यह पुस्तक सीधे एवं स्पष्ट बिल गेट्स को भी, बॉबी को भी और मुझको व आपको भी। यह तो तरीके से कॅरियर बनाने की राह दिखाती है। पुस्तक का हर पन्ना, हर परिणाम निकालने वाले पर निर्भर करता है कि कौन आदमी उसका शब्द बेशक़ीमती है, बस पीने की जरूरत है, फिर सब कुछ पाना कैसा परिणाम निकालता है।" आसान-सा हो जाता है। श्री चन्द्रप्रभ ने प्रतिभा निखारने के लिए पैंसिल से सीखने व उसके सफल होना है तो... पंचसूत्रों को अपनाने की सीख दी है - 1. समर्पण, 2. संघर्ष, 3. इस पुस्तक में श्री चन्द्रप्रभ ने सफलता पाने के लिए पुरुषार्थ के तीर सहनशीलता.4.सधार एवं 5.सिद्धि। उन्होंने सोच को बडी बनाने के को सही निशाने पर लगाने के गुर बताए हैं। वे सफलता को मुश्किल लिए दिमाग को ठंडा रखने, दसरों के सदगण देखने और दिमाग में पर नाममकिन नहीं मानते हैं। इस पुस्तक में जिंदगी की यात्रा को अच्छे विचारों के बीज बोने के मंत्र दिए हैं। वाणी को प्रभावशाली संबोधि टाइम्स > 41 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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