Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

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Page 26
________________ अजवं (आर्जवम्) - ३ दिणरत्ती - वासररयणी, माया णिसा, अज्जवं य अहं । णणु - हि । जस्स - अणिद्दिट्ठस्स कस्सवि । मणं - चेअं । जत्थ - मायाइ अहवा अज्जवे । विलग्गं - आसत्तं । तस्स तहा - तहप्पयारा । फलपत्ती कुसला - कुसलाइपरिणामुप्पत्ती जायइत्ति सेसा । ३) मायामग्गो - णियइपहो । वंको - कुडिलो - सं सारम्मि - भवे । वंकं - कुडिलं । जाइ - वच्चइ । सरलो - सुद्धो । अज्जवमग्गो - रिउभावसरणी । मुत्तिरमाइ - सिवलच्छीइ । गेहं - मंदिरं । गच्छड़ - एइ । ४) माया - णियई । बहुजीहा - अणेगरसणा - अइदप्पा - महगविठ्ठा । महसप्पिणी - महईणागी । सप्पइ - संसरइ । विसंगरलं च ।

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