Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha
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संजमो (संयमः) - ६
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॥ वित्ती ॥ बलवंतं - समत्थं। झत्ति - सिग्धं । मोहं - रागाइ कसायं । जयंतं - अवाकरंतं । संजम सइण्णवई - चरणरूवसेणाणायमं - अणुहर - भगुगच्छ, तदणुसरणसीलो, भवति जाव ।। १) संजमगुत्तिगुत्ता - चरित्तरक्खणरक्खिया सत्ता - पाणिणो । इह - अत्थ संसारे । दुरन्तं - दुट्ट अन्तो जस्स तं संसारं । ण भमंति - णखलु परिअउंति । २) जाव - जावसमयं । बारकसायविरामोअणंताणुबंधि-अपच्चक्खाण-पच्चक्खाणकोहमाणमायालोहरूवदुदम - सकसायाणं पसमो । ण - णजाओ इइ सेसो | ताव - तावसमयं । चरणं - चरित्तं । कंतं - सुन्दरं जह ट्ठिअं । ण - ण खल होइ ।। ३) अविरई - चरणविरहो । णियमा - णिरयवायं । दुक्खं - कटुं । वियरइ - देई ।

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