Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha
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५०
"समण धम्म रसायणं" वित्ति कलियं ण चिण्णं - ण सवियं ।। तओ अणु - आकिंचण्णपत्तीइ अणंतरं । पसीयंति - पसण्णा होति ।। ३) जओ - जम्हा । आकिंचण्णं - णिग्गंठत्तं । विदूरे - अइदूरं । तस्स - तस्सप्पणो । खणमवि - अप्पसमयंपि । संती - सत्थयं । ण - णहोइ । तम्मि - तारिसे जणे । सुहभावो- विमलपरिणामो । णहि - णखलु । चिट्ठइ - वट्टए । तओ - तम्हा । गुणा - दयादाणाइणो । णस्संति - दूरी हवंति । ४) णाणाइगुणगणसंजुत्तो - णाणापमुहगुणपरियरपरिकलियो। अत्ता - चेयणो । परमरमीसो - उत्तमलच्छीसरो । अथित्ति ।. पुग्गलणिरयो - पुग्गलपसत्तोअत्ता । णिजसं - अप्पणोधणं । चयइ - जहइ ।

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