Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

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Page 61
________________ "समण धम्म रसायणं' वित्ति कलियं ७) जह जह - जहा जहा । सव्वं - सयलं । दूरे - करइ - चयइ । तह तह - तहा तहा । सव्वं - समत्थं । मीलइ - अहिगच्छइ । आकिंचण्णं - णिग्गंठत्तणं । अइअब्भुअं - अइसयेण विह्मयकरं । कोवि - कोविजणो । एयं - आकिंचण्णं । ण हीलइ - ण हि निंदइ ।। ८) रंकोवि - दरिदोवि । एयस्स पसाया - आकिंचण्णस्सकिवाइ । संपइराया - संपइणामणिवो । जाओ - अभू । धम्मधुरंधरसुहत्थिमुणिणो-धम्मप्पवरसिरिसुहत्थिआयरियस्स । पाया - चरणा । तेणं - संपइणिवेणं । महिया - पूइया ।।

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