Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 83
________________ ७४ "समण धम्म रसायणं" वित्ति कलियं anAmARMAamliamanane w s Homenim amsooma A AAADMAMAmnews सच्चं (सत्यम्) - ७ सच्चवयं जियसवभयं - वयउ - सच्च - कोहलोहभयहासपसंगा सेवइ वयणमसचं जेण जणो लहइ महदुक्खं वचाइ गई अवच्छं ।। १।। सच्च. जहिछिलो सच्चवयणओ धम्मणिवत्ति पसिद्धो वसुराओ मुसावायाओ, परयं पगओ गिद्धो ।। २।। सच्च. दत्तपदत्तामरणभया वि सच्चं णहि संचत्तं; कालयसूरिणा सेयं वरियं सुरसुहमविसंपत्तं ।। ३।। सच्च. सच्चंपट्टाणो जिणधम्मो मच्च अमच्चसमच्चो; अहमीऽहम्मो सच्चपइटो पीलइ लोयमवच्चो ।। ४।। सच. सबसमय समरूवं सूणियं णेइ जणं सुहमिटुं । खणखणभिन्नसस्वं अणियं अप्पड़ कठ्ठमणिहूँ ।। ५।। सच्च. मुसामूसओ जसमंजूसं कत्तई मंद मंदं; सच्चं सचफणींदं पच्चा णस्सइ कंदं कंदं ।। ६|| सच्च. सव्ववार गिण्हंतु सवओ ण कओ जाव मुसंतो; हवड़ तावं सव्वं विहलं सेहिसुओ दिलुतो ।। ७।। सच्च. मुसावयम्मि रये दुम्मणुये लोयो कुणइ धिद्धी धम्मधुरंधरसच्चवयाओ रिद्धीसिद्धिपसिद्धी ।। ८।। सच्च.

Loading...

Page Navigation
1 ... 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122