Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

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Page 81
________________ ७२ . "समण धम्म रसायणं" वित्ति कलियं संजमो (संयमः) - ६ संजम सइण्णवइं बलवंतं अणुहर-मोहं झत्ति जयंतं-अणुहरसंजम संजमगुत्तिगुत्ता सत्ता, ण भमंतीह दुरंतं । अणुहर १ जाव ण दुदम कसाय विरामो ताव ण चरणं कंतं । अणुहर २ अविरइ वियरइ दुक्खं णियमा, विरई सुक्खमणंतं । अणुहर ३ लवसत्तमलच्छी पुंडरीयं, वरइ विरइरइवंतं । अणुहर ४ माघवई वरइ कंडरीयं । दुश्चरणम्मि रमंतं । अणुहर ५ अव्वयकुहरे वयपव्वयओ पाइ ण कोई पतंतं । अणुहर ६ पाहि हवइ तं कोइ किलेसो, वयसिहरे णिवसंतं । अणुहर ७ सत्तरइ चरियं चरियं जेणं, थुणिमो धुरंधरं तं । अणुहर ८

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