Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha
View full book text
________________
आकिंचण्णं (आकिञ्चन्यम्) - ९
॥ वित्ती ॥ परमसुहं - उक्किट्ठसुक्खं । सुहधम्ममुहं - सोहणसुकयवयणं । आकिंचण्णं - अपरिग्गहो । सोहई रहेइ ।। १) अयं - आकिंचण्णस्स विरोही । परिग्गहगहो - परिग्गहरूवोगहो । अवमो - णीयो । सयाइयारी - संययाइयारजुत्तो । अगइयोति - जाव । वंको - वक्कयाकलिओ । लोयतयम्मि - तिहुयणमज्झे, सव्वत्थ । वियारी - विहरणसीलो । सइ वि - सव्वसमयं अवि । णवमे रासीइ - धणणामम्मिरासिमझे । वसइ - चिठ्ठइ । २) जे जीवा - जे चेयणा । परिग्गहगहगहिया - परिग्गहरूवदुट्ठग्गहविडंबिया । ते - ते जीवा तावं - तावकालं । सीयंति - सोयमणुहवंति । जाव - जावसमयं । आकिंचण्णं । णिग्गंठत्तं ।

Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122