Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

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Page 27
________________ १८ "समण धम्म रसायणं" वित्ति कलियं वमइ - णिक्कासइ । . एयं - तंमायां महसप्पिणिं । अज्जवगरुल - महप्पाअज्जवो खगवइरूवो विसिट्टप्पा । हणइ - विणासेइ । ५) माया - वक्कया । पढमं - पुव्वं । णियमायं - सुवविलासं । दंसित्ता - दंसिउणं । लोगं - जणं । करिसइ - णियसम्मुहंकरइ । ता - तओगपच्छा । दुहजालम्मि - कठ्ठपासम्मि । पाडित्ता - खेविउणं । पइपयसोगं - खणखणविसायं । अप्पइ - देइ ।। ६) मल्लि जिणेणं - एगुणविंसतित्थपइणा । गयजम्मम्मि - पुव्वभवे । अइतिव्वं - सुदुक्करं । तवं - छठ्ठठ्ठमाइयं तवं - तत्तंचरियं । तेणं - जिणवरगुत्तं - तित्थयरणामकम्मं । णिचियं - दढबंधणबद्धं । तहवि - एवमवि । णियईइ - मायाणुभावा । थित्तं - इत्थिरद्वं तं - लब्धं ।

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