Book Title: Saman Dhamma Rasayanam
Author(s): Dharmdhurandharsuri, Bhuvanchandravijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha
View full book text
________________
तवो (तपः ) - ५
वंदे - णमामि ।
जिणवरगणहरसिहं - तित्थंयरगणवइ समुवइट्टं ।
उक्किसव्वप्पहाणं ।
तवमंगलं तवरूवमंगलं । १) दव्वतवो - दव्वरूवतवो । संभुत्ति भोगुवभोगं । वियरइ - देइ ।
एयं । जुत्तिजुत्तं - तक्कसंगयं ।
दिट्टं - णायं ।।
-
॥ वित्ती ॥
-
२) भावतवो - अंतरंगरंगसंगयो तवो । मुत्तिं परमपयं ।
वित्थरइ - पसारेइ । अरिहं दुट्ठे ।
विग्धं - अवायं, अमंगलं ।
हरइ
अवणयइ ।।
-
भोयणश्चाओ ।
३) अणसणं उणोयरिया अप्प भोयणं ।
वि - अवि ।
वित्तिसंखेवो ईहा परिमीई ।
एयं तवं गरिहं - महं ॥
-
२९

Page Navigation
1 ... 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122