Book Title: Sachitra Jina Pooja Vidhi
Author(s): Ramyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
Publisher: Mokshpath Prakashan Ahmedabad

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Page 36
________________ स्नान करने की विधि सुगन्धित तेल तथा आमला आदि के चूर्ण को एकत्र कर विधिपूर्वक तेलमर्दन (मालिश) आदि प्रक्रिया कर स्वस्थ बनना । उसके बाद पूर्व दिशा के सामने बैठकर अपने नीचे पीतल आदि का कठौता ( थाल) रखकर दोनों हाथों को अंजलिबद्ध कर स्नान के मन्त्र बोलने चाहिए । ॥ ॐ अमले विमले सर्व तीर्थ जले पाँ पाँ वाँ वाँ अशुचिः शुचीर्भवामि स्वाहा ॥ अंजलि में सर्व तीर्थों का जल है, ऐसा विचार कर ललाट से 21

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