Book Title: Sachitra Jina Pooja Vidhi
Author(s): Ramyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
Publisher: Mokshpath Prakashan Ahmedabad

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Page 54
________________ गर्भद्वार में प्रवेश करने की विधि गर्भगृह में प्रवेश करने से पूर्व मंदिर से सम्बन्धित कार्यों के त्याग स्वरूप दूसरी निसीहि तीन बारबोलनी चाहिए। अंगपूजा में उपयोगी सामग्री ही साथ में रखनी चाहिए । बटुआ, डिब्बी, बैग, थैला आदि गर्भगृह में नहीं ले जाए। गर्भगृह में प्रवेश करते समय राग-द्वेष रूपी सिंह के मस्तक गर्भगृह में प्रवेश करते समय पर दाहिना पैर रखकरअन्दर प्रवेश करना चाहिए। अतिस्वच्छ हाथों को तथा पूजा की सामग्री को गर्भगृह में जहाँ-तहाँ परस्पर्श नहीं कराना चाहिए। अंगपूजा के ध्येय से ही गर्भगृह में प्रवेश करना चाहिए। वहाँ सम्पूर्ण मौन रखना चाहिए । दुहा आदि भी मन में ही दुहराना चाहिए। आठ परतवाले मुखकोश बांधे बिना गर्भद्वार में प्रवेश नहीं करना चाहिए। (39)

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