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चाहिए।
नैवेद्य-पूजा की विधि • शुद्ध द्रव्यों से निर्मित स्वादिष्ट मिठाइयों से नैवेद्य-पूजा की
जाती है। घर में किसी भी प्रकारी की मिठाई बनाई गई हो तो सबसे पहले प्रभुजी के समक्ष चढानी चाहिए । परन्तु घर में जिन मिठाईयों का उपयोग हो चुका हो अथवा मिठाई बनाए हुए बहुत दिन बीत गए हों, ऐसी मिठाईयां प्रभुजी के समक्ष नहीं चढ़ानी चाहिए। बाजार की अभक्ष्य मिठाईयाँ, पिपरमिन्ट, चॉकलेट, शक्कर की गोलियाँ,लॉलीपॉप आदि नहीं चढानी चाहिए। यदि ताजी मिठाईयाँ ले जाना सम्भव न हो तो शक्कर, बताशे आदि भक्ष्य मीठी वस्तु ले जाई जा सकती है। नैवेद्य एक-दो रखने के बजाय थाल भर जाए, इस प्रकार शक्ति के अनुसार रखना चाहिए। सुयोग्य नैवेद्य के ऊपर सोने-चांदी के वरख आदि लगा सकते है। नैवेद्य से चावल, पाट, बाजोट आदि में चिकनाई न आए, इस हेतु से स्वच्छथाल में ही मिठाई चढाना चाहिए। पारदर्शी कागज़ अथवा जाली से मिठाईयों को ढंककर मँखी आदि से बचाना चाहिए। श्री वीशस्थानक तप, वर्धमान तप, ओली आदि के दरम्यान
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