Book Title: Sachitra Jina Pooja Vidhi
Author(s): Ramyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
Publisher: Mokshpath Prakashan Ahmedabad

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Page 85
________________ इस तरह आरती- मंगल दीपक उतारें । अर्थ : उचित रूप से विवेकपूर्वक प्रभुजी के आगे द्रव्य दीपक प्रगट करने से दुःख मात्र नष्ट हो जाता है तथा उसके प्रभाव से लोक- अलोक जिसमें प्रकाशित होता है, ऐसा भावदीपक रूप केवल ज्ञान प्रगट होता है । 70

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