Book Title: Sachitra Jina Pooja Vidhi
Author(s): Ramyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
Publisher: Mokshpath Prakashan Ahmedabad

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Page 78
________________ हो, इस प्रकार आगे रख सकते है । • प्रभुजी का मुखकमल ढँक जाए अथवा भाविकों को नवांगी पूजा करने में असुविधा हो, इस प्रकार फूल नहीं चढाना चाहिए । यदि ऐसे अनुचित स्थानों पर फूल चढाए गए हों तो उन्हें वहाँ से उठाकर यथोचित स्थान पर चढाया जा सकता है । परन्तु दूसरी बारचढाने के लिए उन्हें संग्रह नहीं करना चाहिए । • फूल अपने शरीर - वस्त्र, पबासन, भूतल अथवा अयोग्य स्थानों से स्पर्श हो गए हों अथवा नीचे गिर गए हों तो उन फूलों को प्रभुजी को चढाने से बहुत बड़ी आशातना लगती है । • फूलों को कभी भी प्लास्टिक की थैली में, अखबार में, रद्दी कागज में, अन्य अयोग्य साधन में अथवा डिब्बी के अन्दर बन्द करके भी नहीं लाना चाहिए। ऐसे फूल चढाना अयोग्य हैं । • फूलों की पंखुड़याँ अथवा केशर-चंदन मिश्रित चावल, पुष्पपूजा अथवा कुसुमांजलि में प्रयोग नहीं करना चाहिए । • यदि फूल मिलना सम्भव न हो तो सोने-चांदी के फूलों से पुष्पपूजा की जा सकती है। • प्रभुजी को एक-दो फूल चढाने के बदले दोनों हाथों की अंजलि में फूल लेकर चढाना चाहिए । ( कुसुम - पुष्प, अंजलि - अंजलि - कुसुमांजलि ।) • प्रभुजी की पुष्पपूजा करते समय मन में गाने योग्य तथा 63

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