Book Title: Purn Vivaran
Author(s): Jain Tattva Prakashini Sabha
Publisher: Jain Tattva Prakashini Sabha

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Page 67
________________ - - हमारी समाजने इस कार्यके लिये श्रीयुत सेठ ताराचन्दजी, लाला. प्यारे. लालजी, जौहरी, सेठ चौथमलजी बैद तथा सेठ पन्नालालजी भैंसा रईसान अजमेरको नियत किया है जिनमेंसे नोचेके दोनों सज्जन महोदय आज केचहरी में दरख्वास्त देनेके लिये दिनके ३ बजे पहुंच गये थे परन्तु भार्यस. माजकी ओरसे नियुक्त प्रतिनिधि श्रीयुत वाबू गौरीशङ्कर जी वैरिष्टरने इस समय इस विषय में बात चीत करनेसे बिल्कुल इन्कार करदिया । अतः हम प्रगट करते हैं कि हमारे उपर्युक्त सज्जन यह कार्य करनेको उद्यत हैं । आर्यसमाजकी ओरसे नियुक्त सज्ज नोंको उचित है.कि अब इस कामको शीघ्र ही तय करडालें क्योंकि अब टालमटोलसे काम नहीं चलेगा। विश्वास रहे कि जबतक शास्त्रार्थ न हो जाय या आर्यसमाज शास्त्रार्थसे इन्कार न करदे हम लोग उसको शास्त्रार्थ से छोड़ने वाले नहीं हैं ॥..... ___घीसूलाल अजमेरा, मन्त्री श्री जैनकुमारसभा अजमेर, तारीख जलाई सन् १९१२.ई. अजमेर, प्राण आर्य समाज के प्रतिनिधि बाबू गौरीशङ्करजी वैरिष्ठर और बाव मिट्ठनलाल जी बक्रोलको शास्त्रार्थ के सम्बन्ध में उचित कार्यवाही करनेके अर्थ निम्न पत्र भेजा गया। ... . .. . . ब्रन्दे जिनवरम् * . . मान्यवर महोदय जय श्री जिनेन्द्रजी ..... तारीख जुलाईको प्रकाशित "मन परताये होतका जब सुन गई सारी पोल" शीर्षक: भासमानके विज्ञापन द्वारा यह चातकर अतीव- प्रसन्नता हुई कि श्रीयुत: बाब मौरीशंकरजी बैरिष्टर : ( या बाबू मिट्ठनलालजी वकील ) सहित भार्यसमाजको भोरचे शाखार्थके लिये मैजिष्टेटसे माता लेनेको नियुक्त हुये हैं। ......... .: अतः आपकी सेवामें निवेदन है कि हमारी. समाजकी ओरसे श्रीयत सेठ ताराचन्द जी, लामा पारेलालजी जौहरी, सेठ चौथमलजी वैद्य, और सेठ पन्नालाल जी भैंसा रईसान अजमेर इसी कार्यके लिये नियुक्त हैं। ..... - सविनय प्रार्थना है कि प्राप. इस पत्रके पाते ही यह प्रकाशित कर दें कि उपर्युक्त सज्जन महोदय इस कार्यके विषय में प्रापसे काम मिलें, या साप | उनसे कत्र मिलने की कृपा करेंगे।

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