Book Title: Praudh Prakrit Rachna Saurabh Part 1 Author(s): Kamalchand Sogani Publisher: Apbhramsa Sahitya AcademyPage 12
________________ (क) पुल्लिग शब्द -- देव, हरि, गामणी, साहु, सयंभू । (ख) नपुंसकलिंग शब्द-कमल, वारि, महु । (2) (3) स्त्रीलिंग शब्द-कहा, मइ, लच्छी, घेणु, बहू । इन रूपों के अतिरिक्त कुछ दूसरे शब्द-रूपों को भी सूत्रों में समझाया गया है । सूत्रों को समझाते समय कुछ गणितीय चिह्नों का प्रयोग किया गया है जिन्हें संकेत-सूची में समझाया गया है । 1. हरि शब्द एकवचन प्रथमा हरिः द्वितीया तृतीया हरिणा चतुर्थी हरये पंचमी षष्ठी सप्तमी हरी संबोधन हे हरे द्विवचन हरी हरी हरिभ्याम् हरिभ्याम् हरिभ्याम् hoc बहुवचन हरयः हरीन् हरिभिः हरिभ्यः हरिभ्यः हरीणाम् हरिषु हे हरयः no होः हयों: हे हरी द्विवचन भूभृतो भूभृतो 2. भूभृत शब्द एकवचन प्रथमा भूभृत् द्वितीया भूभृतम् तृतीया भूभृता चतुर्थी भूभृते पंचमी भूभृतः षष्ठी भूभृतः सप्तमी भूभृति संबोधन हे भूभृत् भूभृद्भ्याम् भूभृद्भ्याम् भूभृद्भ्याम् बहुवचन भूभृतः भूभृतः भूभृद्भिः भूमृद्भ्यः भूमृद्भ्यः भूभृताम् भूमृत्सु हे भूभृतः भूभृतोः भूभृतो. हे भूमृती प्रौढ प्राकृत रचना सौरच ] [ 3 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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