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23. टोणा 3/24
टोणा [(ट:)+(णा)] ट: (टा) 6/1 णा (णा) 1/1 (प्राकृत में) (इकारान्त-उकारान्त)(पुल्लिग-नपुंसकलिंग) (शब्दों में) टा के स्थान पर पा (होता है)। इकारान्त-उकारान्त पुल्लिग-नपुंसकलिंग शब्दों में टा (तृतीया एकवचन का प्रत्यय) के स्थान पर रखा होता है। दीर्घ स्वर ह्रस्व हो जाता है (3/43)। हरि (पु)-(हरि+टा)= (हरि+णा)- हरिणा (तृतीया एकवचन) साहु (पु.)- (साहु +टा)=(साहु + णा)=साहुणा (तृतीया एकवचन) वारि (नपुं.)-(वारि+टा)=(वारि+णा)-वारिणा (तृतीया एकवचन) महु (नपुं.)-(महु+टा)= (महु-+ णा)= महुणा (तृतीया एकवचन) गामणी (पु.)-- गामणी+टा)= (गामणी+णा)= गामरिणणा
(तृतीया एकवचन) सयंमू (पु.)-(सयंभू+टा)=(सयंभू+णा)= सयंभुणा (तृतीया एकवचन)
24. क्लीबे स्वरान्म से: 3/25
क्लीबे स्वरान्म से: [(स्वरात्)+ (म्)] से: क्लीबे (क्लीब) 7/1 स्वरात् (स्वर) 5/1 म (म्) 1/1 से: (सि) 6/1 (प्राकृत में) नपुंसकलिंग में स्वर से परे सि के स्थान पर 'म्' (होता है) । प्रकारान्त, इकारान्त और उकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों में स्वर से परे सि (प्रथमा एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर म→ होता है । (मोनुस्वारः 1/23 सूत्र से म् का हुआ है)। कमल (नपुं.)-(कमल+सि) = (कमल+-)= कमलं (प्रथमा एकवचन) वारि (नपुं)-(वारि+सि)= (वारि+-)=वारि (प्रथमा एकवचन) महु (नपुं.)-(महु + सि)= (महु-+-)=महुं (प्रथमा एकवचन)
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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