Book Title: Praudh Prakrit Rachna Saurabh Part 1
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 238
________________ (5) क्त्वा सि श्रादेः ण स्वोः वा ह्रस्वः संयोगे शेषम् संस्कृतवत् सिद्धम् a: दः अनादी शौरसेन्याम् प्रयुक्तस्य अधः क्वचित् वा श्रादेः तावति मः बा शेषं प्राकृतवत् (6) Jain Education International ( क्त्वा) (सि) (fa) 6/1 (ण) (सु) 7/2 (वा) (ह्रस्व) 1/1 ( संयोग) 7/1 (शेष ) 1 / 1 (संस्कुतवत्) (faz) 1/1 (a) 6/1 (द) 1/3 (alfa) 7/1 - (शौरसेनी ) 7/1 (प्रयुक्त) 6/1 (प्रध) 1/1 (क्वचित्) (वा) (प्रादि) 6/1 (araa) 7/1 (म्) 6/1 (वा) (शेष ) 2 / 1 (प्राकृतव त्) प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ ] (7) हरि गुरु राम राम फल फल भूभृत् भूभृत् हरि स्त्री राम राम हरि भूभृत् भूभृत् राम For Private & Personal Use Only [ Lvi www.jainelibrary.org

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