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प्रस्तुत अध्याय में संज्ञा शब्दों की रूपावली दी जा रही है । इसमें निम्नलिखित शब्दों की रूपावली दी गई है -
पाठ-2
संज्ञा - शब्दरूप
पुल्लिंग शब्द - देव, हरि, गामणी, साहु, सयंभू,
नपुंसकलिंग शब्द - कमल, चारि, महु,
स्त्रीलिंग शब्द – कहा, माया, मइ, लच्छी, घेणु, बहू
इन शब्दों के अतिरिक्त कुछ और शब्दों की रूपावली भी दी जा रही है जो विशेष प्रकार से चलती है
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(i) संज्ञावाचक पुल्लिंग शब्द - पिउ (पिता) [ भाउ (भाई), जामाउ (जमाता) के रूप पिउ के समान चलेंगे ] ।
(ii) विशेषरणात्मक पुल्लिंग शब्द - -कत्तु (करनेवाला) [ भत्त ( भरण-पोषण करनेवाला), दाउ ( दाता) के रूप कत्तु के समान चलेंगे ] ।
(iii) पुल्लिंग शब्द - अप्प, अत ( आत्मा ) [ आत्मा के लिए प्राय या प्रात (अर्द्धमागधी में), आद या चेद (शौरसेनी में ) शब्दों का प्रयोग पाया जाता है, इनके कुछ विभक्तियों के रूप रूपावली में दिए गए हैं] ।
(iv) पुल्लिंग शब्द - राय (राजा)
शौरसेनी व अर्द्धमागधी में अधिकतर प्रयुक्त होनेवाले शब्दरूपों को गहरे काले अक्षरों में दिखाया गया है ।
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[ प्रौढ प्राकृत रचना सौरभ
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