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63. ईदभ्यः स्सा से 3/64
ईद्भ्यः (ईत) 5/3 स्सा (स्सा) 1/1 से (से) 1/1 ईत्-ईकारान्त शब्दों से परे (ङस् के स्थान पर) स्सा, से (होते हैं)। ईत्-~ईकारान्त स्त्रीलिंग सर्वनाम शब्दों से परे ङस् (षष्ठी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर विकल्प से स्सा और से होते हैं। की (स्त्री)- (की+ ङस्) = (की+स्सा, से) = किस्सा, कोसे
(षष्ठी एकवचन) ती (स्त्री.)-(ती--डस्) = (ती-+-स्सा, से) = तिस्सा, तीसे
(षष्ठी एकवचन) जी (स्त्री)-(जी+ङस्) = (जी+स्सा, से) = जिस्सा', जीसे
(षष्ठी एकवचन) 1. संयुक्ताक्षर से पूर्व दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है ।
64. डे[हे डाला इमा काले 3/65
हि डाला इसा काले [ (:) + (डाहे)] डे: (डि) 6/1 डाहे (डाहे) 1/1 डाला (डाला) 1/1 इमा (इमा) 1/1 काले (काल) 7/1 कालवाचक शब्दों के होने पर (क, त, ज सर्बनामों से परे) डि के स्थान पर डाहे- आहे, डाला→ाला, इभा (विकल्प से होते हैं)। जब सर्वनाम क, त, ज कालवाचक शब्द के विशेषण रूप हों तब डि (सप्तमी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर विकल्प से डाहे+आहे, डासा+भाला मोर इग्रा होते हैं। क (पु.)- (क+ङि) =(क+आहे, पाला, इा)=काहे, काला, कहा
(सप्तमी एकवचन) त (पु)-(त+ङि)=(त+अाहे, पाला, इमा)=ताहे, ताला, तइया
(सप्तमी एकवचन) व (पु)- (ज+ङि)=(ज+माहे, पाला, इमा)=आहे, जाला, जइमा
(सप्तमी एकवचन)
प्रौढ प्राकृत रचना सौरम]
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