Book Title: Praman Mimansa Author(s): Hemchandracharya, Shobhachad Bharilla Publisher: Tilokratna Sthanakvasi Jain Dharmik Pariksha Board View full book textPage 7
________________ ( २ ) लिखे और विस्तृत प्रस्तावना भी लिखी, किन्तु वह ग्रन्थ अब उपलब्ध नहीं होता । टिप्पणों का अंग्रेजी होकर वे पृथक् पुस्तकरूप में उपलब्ध हैं । अब पू. पं. शोभाचंद्रजी भारिल्लद्वारा प्रमाणमीमांसा हिन्दी अनुवाद के साथ प्रकाशित हो रहीं है, यह आनन्द का विषय है । इसके पढ़ने वालों के लिए प्रमाणमीमांसा ग्रन्थ सुगम हो जायगा इसमें संदेह नहीं है । पंडितजी की हिन्दी सरस तो है ही, साथ सुबोध भी है और आचार्य हेमचन्द्र की प्रसन्न गंभीर भाषा के अनुरूप भी है। पंडितजी ने यह अनुवाद करके जिज्ञासुओं का मार्ग सरल किया है, अतएव वे सबके धन्यवाद के पात्र हैं । हम आशा करते हैं कि पंडितजी आगे भी कठिन दार्शनिक ग्रन्थ के सुगम अनुवाद हमें देते रहेंगे और जिज्ञासुओं का दर्शन में प्रवेश सुलभ बना देंगे । अहमदाबाद १३-७-७० दलसुख मालवणियाPage Navigation
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