________________
[ २६
]
छान (२५)-- गुप्त रूप से ।
छोति (४०)-छिलका । छात्र (६७)-राजा।
छौळ (१०२}-१ लहर, २. आनंद । छात्रा (६७)- छत्रपति, राजा । छौ (४८) - था। छाया (२१)- फैल गया, छा गया। छौगाळी ५ - छैला, सुन्दर और वना छिनि (३१)-गनिश्चर।
ठना, सजा-वजा और छीका (५८)-छींका, झूला।
युवा पुरुप, सुन्दर वेश छीका (८३)-कटोरीनुमा आकार का
विन्यास युक्त युवा पुरुष, रस्सियो का गू था हुआ
रगीला, वाका। जाल जो प्राय छत मे छव (१९)-प्रसिद्ध । लटकाया जाता है और जिस पर प्राय प्याद्य | जगम (४०/-चलने फिरने वाले ।
पदार्थ रखे जाते हैं । । जपस (२१)-जप करेंगे। लीया (५) - सीता।
जवक (४०-यव, घाम, तृण, चारा छूमरण (१०१)-चरण, पाव ।
जम (१००)-यमराज। छूब (३७)- सर्व, सव।
जइ (४८)-जो, अगर । छेहडा (६७)-गठ-बधन, गठबंधन के
जकानु (२)-जिनको वस्त्र का छोर । जख (२८)-~यक्ष छ (१००)-है।
जख (१३, ३६)यक्ष छै (३३) है।
जगंन (९२)-यज, मसार, जगत । छोकरा (८३)-छोकरा, वच्चा, लडका । जग (२२, ४३)-मसार, जगत । छोगाळ (१८)-जिसकी पगडी मे छोगा जगतनाथ (४६)-जगन्नाथ, ईश्वर ।
लगा हो। छोगा वाली | जगति (३४)-ससार
पगडी पहिने हुए। जगदाह (४६)-~-जगत का। छोगाला (९२)-प्रवतसवारी, श्रेष्ठ, जगदीश (३३, ५७)-जगदीश्वर सुन्दर।
जगदीस (३६,४४,४६, ६०, ६९)छोगालो (५८)-श्रेष्ठ, शौकीन, छैल ईश्वर । छवीली।
जगनाथजी (६३)-जगतस्वामी, विष्णु, छोडिया (९७)-छोड़ दिये।
श्रीकृष्ण । ।