Book Title: Pirdan Lalas Granthavali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 245
________________ पूर्ति-(शब्द-कोश) (शब्द-कोश मे जिन शब्दो के अर्थ छपने छूट गये है, उनको अर्थ सहित पुन नीचे दिया जा रहा है।) मूरति (१००) मूत्ति । मंजार (६०)-मे, भीतर। मेघ-रिखी (८६)-मेघ ऋषि । मंदै (२१)-वास्तव मे, मुर्द । मेप (४६) जाप, भाप । मडाणी (९४)-उत्पन्न हुई। मेहणो (८६)-कलंक । मये (६१)-साथ दैमार (१२)-मारदे । मला (१०३)—प्राप मला, स्वयं, । स्वतन्त्र । रत री (२१) रक्त की। । रहै (४५)---रहता है। महल (१८)-१. प्रासाद, २ स्त्री। रामदे (१५)–एक लोक देवता। मात (६६) मात्र, केवल राधा (४)-राधिका । माप (४९)-नाप, परिमाण । रामचन्द्र (६७, ६३)--श्रीराम माह (१०३)-मे, भीतर। रावण (५७)--एक दैत्य का नाम । मिरिणजे (१०) कहा जाता है । रावा (८८)-राजामो के। .. मिलक (३१)-मलिक, सरदार । रासि (६०)--रास मुंठा (७६)-मूढ रिणि-खेत (८७)-रणक्षेत्र। मुंसे (१७)- मूसा, पैगम्वर'। रिणिसी (१५)-रणसी नामक एक मुजरो (२५)---नमस्कार। भक्त । मुरई (६६)-नाश करे। रुख (१०१)-ओर, तर्फे। रेली (३२)-१.वरसाया, २. बरसामुसा (३१)-मूसा, पैगम्वर । कर प्रानदित किया। मूमणां (६१)-मोमिन । ल मूंस (८६)-मूसा | लिगन (८१)-नग्न, विवाह । मूसा (८५, १०)-मूसा - । लिगी (6)-किंचित भी।

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