Book Title: Pirdan Lalas Granthavali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 243
________________ [११ ] हुँतो (४८)-था | हेकांरा (६६)-एक के। हुइस (११) होगी हेकोइ (७४)---एक ही। हुयै (४४, ४७) होकर हेठि (८७)--नीचे, नोचा। हुयो (३४) हेठी (७६)-नीचे। हुलराव (२९, ४२)-पालने में झोका | हेत (३५, ५३) स्नेह, हित । देने की क्रिया, मुलाना। हेम (१७) व्यक्ति विशेष का नाम । हुलायो (२८) | हेम (४७)-हिम, वर्फ। हुलाही (२६/ हेम-पुतरी (२१)-हिमाचल की पुत्री हुवे (१०२)-होते हैं। | हेमरी (२०)-हिमालय की। हुसेन (६७)-मुसलमानों के तृतीय हे, (८४)-अब "का नाम जो मजीद के हेल (१०)-क्रीडा, खेल। हुक्म से कावला नामक हेला (१०२)--पुकार। स्थान पर मारे गये थे, मुहर्रम इन्ही की यादगार हेली (५५)-सहेली में मनाया जाता है, हुसैन । हेवरी (८२)-- हुसेनियाँ (३०) हैग्नीव (३, ५, १८, २४, ३६, ३६, हूँ (२३, ३४, ५३, ६६, ७०, १००)- ७१, ६८) हयग्रीव, विष्णु के २४ अवतारो मे मे एक हूंत (५) से अवतार मधु और कैटम हूँत (२६, ४७) मे नामक दो दैत्य जव वेदों को हूँता (३४, ४७)-से उठाकर ले गये तव वेदो के हति (३५)--से उद्धार के लिए विष्णु ने यह हू (४५, १०२)-मैं अवतार लिया था। हूइस (१०)-हो जायगा। हैग्रीवा (६६)हूर (७) हैमर (५१) हयवर । हेककार (१०)-एकीकरण । है, (६१)--अब हेक (११, १७, ३६, ४४, ४८, ५४, हो (३२) है । ६१, ६६, ८५, ६०, ६३)-ऐक । होडा (६८)-प्रतिस्पर्द्धा । हेकला (५२)-अकेला। होमवला (१०३) हेकली (४७, ५१)-प्रकेला । होवे (१००)-होते है।

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