Book Title: Pirdan Lalas Granthavali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner
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[ ६७ ] मूसरण (३७)---मुझको शरण? | मैवार (५२) मूसा (६५)--एक पैगम्बर जिसे यहूदी मो (७०)-मेरे ।
___ लोग अपने धर्म का प्रवर्तक | मोकळा (१६, ३१, ६६)-वहुत, काफी, ___ मानते हैं।
अपार, अधिक । मूसा (९०)
मोकको (८५)--बहुत। मूका (६८)-छोडेंगे
मोख (४६, ७५)-मुक्ति, मोक्ष । मूनां (७३)-मुनियो को।
मोखीया (५७)-- मुक्त कर दिए । मूरति (१००)
मोटा (३७)-महान, वडा । मूळ (४६) कारण, जड ।
मोटी (३८, १००)-महान, वडी । मेक (७७)-एक । मेखल (४३)~ करधनी।
मोटे (१६)-वडा, महान । मेघ (५७, ८५, ६१)-मेघनाद, चमार
मोटौ (३८, ६६)-वडा, महान । मेष (२१ मार जाति को मोड़ (३२)-मौर। उत्पन्न) स्त्री।
मोड़ (१६, ३२) नाश करती है, मेघड़ी (११, ८४, ८६, ६६)-चमार
रचता है। जाति की कन्या या स्त्री मोढरी (१६)-महान, बहुत । चमारिन ।
मोना (७०)-मुझको। मेध-रिखी मेघां (३२, ८४, ६०, ६०)-चमार,
मोहण (७४)-मोहन, श्रीकृष्ण ।
मोहणा (८४)-मोहन । चमार जाति की कन्या ।
माँहि (५३)-मे। मेछा (१०)-म्लेच्छ, यवन ।
मौज (८१)-दान । मेपन (४६) मेर (६१, १०१)-सुमेरु । मौजा (५१) आनद । मेळ (१०१)-मित्रता, स्नेह । मोड (६६)-मौर। मेळिया (६२)---मिला दिए । मौरी (२१)—मेरी। मेले (१)—रखे।
मौहरि (५५, ८६)-पूर्व, पहिले, अगाडी मेळी (८५)-मिलाप, मेला।
सम्मुख, पहिले । मेह (५१)--मेघ, वां। | मौहै (५२)-मोहित किए मेहणौ (८८)
| म्हारौ (१३, ५३)—मेरा।

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