Book Title: Payaya Kusumavali
Author(s): Madhav S Randive
Publisher: Prakrit Bhasha Prachar Samiti

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Page 71
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कप्पूरमंजरी सिंगारो * विचक्षणा राजा विचक्षणा राजा विचक्षणा राजा राजा विचक्षणा राजा www.kobatirth.org मरगअमंजरिजुअं चलणा से लंभिआ वअंसीहिं । भमिअमहोमुहपंकअजुअलं ता भमरमालाहिं ॥ २ ॥ राअसुअपिच्छणीलं पट्टसुअजुअलअं णिअत्था सा । अलीअ कंदली ता दरपवणपणोल्लिअदलग्गा ||३|| तीए णिअंबफलए णिवेसिआ पोम्मराअमणिकंची । कंचणसेलसिलाए ता बरिही कारिओ ट्टं ॥४॥ विचक्षणा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विचक्षणा दिण्णा वलआवलीउ करकमलपओट्टणालजुअलम्मि । ता भह किं ण रेहइ विवरीअं मअणतोणीरं ॥ ५ ॥ कंठम्म ती ठविओ छम्मासिअमोत्तिआणं बरहारो । सेवइ ता पतीहि मुहअंदं तारआणिअरो ॥६॥ उह सँ विसवणेसुं णिवेसिअं रअणकुंडलजुओं से ६३ For Private And Personal Use Only

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