Book Title: Payaya Kusumavali
Author(s): Madhav S Randive
Publisher: Prakrit Bhasha Prachar Samiti

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Page 167
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पान पंक्ति शुद्ध पंचबाणस्स यवनिकान्तरम् ठवेदुमिच्छेज्ज हीणो सन्मान अशुद्ध पंचवाणस्स जवनिकान्तरम् ठवेद मिच्छेज्ज हीणी सामान्य अपरि ग्रही पज्जत टाकण (सेवा करना आशी विष उय्वय फिराणा पज्जत टाकणे --- आशीविष उव्वय परिभ्रमण करना यज जय उपटणे, केशलोच -arr" -y » » ur mm हाथी जूह उदटणे, केशलोंच हाती जह सकना उपभोग दे (अभितः) करण मग या घणकगुल्येषु चंदणदज्जा उम्मण पाथिव पेयवमे रहपरास्त प्र+झापाय शकना उपभोग है (अभितः सब तरह करणे मगया चणकगल्मेष चंदणवज्जा मम्मण पार्थिव पेयवण रहपएस प्र+ज्ञापाय धुमसणे कुथु डरपोक y धुमसण or wom कुथु डरफोक For Private And Personal Use Only

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