Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 9
________________ ( ७ ) खरीदना अत्यावश्यक है । सम्मेलन समाज से अनुरोध करता है कि इस कार्य के लिये समाज इस संस्था को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा । शिक्षा विभाग सम्मेलन के अन्तर्गत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड एक विश्वविद्यालय होगा, जिसका नाम 'अहिंसा विश्व विद्यालय' रखा जायगा । सम्मेलन चाहता है कि मानव मात्र के अन्दर जैन तथा अहिंसा की सच्ची भावना हो तथा उसी रूप में मानव मात्र के अन्दर नैतिक तथा धार्मिक भावना का प्रचार किया जाय । बिना विश्वविद्यालय के सम्मेलन का यह उद्देश्य सफल नहीं हो सकता । सम्मेलन जैन समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित देखना चाहता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक विश्वविद्यालय का होना अत्यावश्यक है । इस विश्वविद्यालय की शिक्षा वर्तमान तथा प्राचीन युग के आधारपर निश्चित की जायेगी । सम्मेलन अपने दृढ़ विश्वास के साथ जैन समाज को विश्वास दिलाता है कि सम्मेलन का शिक्षा विभाग अपने योग्य सदस्यों की सहायता से एक ऐसा शिक्षाप्रद आदर्श उपस्थित करेगा, जिसका जरा-सा भी अंश दूसरे विश्वविद्यालयों में देखने के लिये नहीं मिलेगा । सम्मेलन अपने शिक्षा विभाग की सहायता से कम खर्च में व्यापारिक, वैज्ञानिक, धार्मिक, कलात्मक, साहित्यात्मक आदि प्रकार की शिक्षा देगा । इस विभाग का उद्देश्य प्रत्येक मानव के हृदय के अन्दर जैन धर्म की भावना को उत्पन्न * Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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