Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 42
________________ (४०). (२) सञ्चालन मन्त्री के कार्यो में सहायता प्रदान करना। अर्थ मन्त्री निर्वाचन एवं पद त्याग :-सम्मेलन के संविधान के अनुसार ही अर्थ मन्त्री का निर्वाचन होगा तथा इसी संविधान के अनुसार अर्थ मन्त्री पद त्याग भी कर सकेगा। कार्य एवं अधिकार :-सम्मेलन के संविधान के अनुसार अर्थ मन्त्री के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगे:(१) सम्मेलन के समस्त विभागों का अर्थ सम्बन्धी सञ्चालन करना। (२) समस्त विभागों के आय व्यय का हिसाब रखना। (३) आवश्यकता के समय समाज के गणमान्य व्यक्तियों से चन्दा इकट्ठा करना। (४) कोषाध्यक्ष एवं हिसाब परीक्षक की नियुक्ति करना तथा उनके कार्यों की देख भाल करना। (५) सम्मेलन से सम्बन्धित सभी चल-अचल सम्पत्ति के किरायों, लाभांश, व्याज, चन्दा, दान, भेंट, आय ( नगद अथवा वस्तु रूप में ) आदि को वसुल करना । (६) सम्मेलन के आवश्यकत नुसार या स्वीकृत बजट के अनु सार ( जो कार्य कारिणी समिति द्वारा पास किया गया है) सम्मेलन के समस्त विभागों के मन्त्रियों के खर्च के वास्ते रूपया देना तथा उसका हिसाब रखना। . (७) वार्षिक बजट एवं वार्षिक रिपोर्ट तैयार करवा कर प्रधान मन्त्री को सौंप देना। . Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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