Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 43
________________ ( ४१ ) (८) बैंक के खातों को सम्मेलन के संविधान के अनुसार सवा लित करना । (६) हिसाब परीक्षक द्वारा सम्मेलन के आय-व्यय की मांच : करवाना । -उप अर्थ मन्त्री निर्वाचन एवं पद त्याग : – सम्मेलन के सविधान के अनुसार ही उप- अर्थ मन्त्री को निर्वाचन होगा तथा इसी संविधान के अनुसार उप- अर्थ मन्त्री पद त्याग भी कर सकेगा । कार्य एवं अधिकार :- सम्मेलन के संविधान के अनुसार उप- अर्थ मन्त्री के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगे:(१) अर्थ मन्त्री की अनुपस्थिति में अर्थ विभाग से संम्बन्धित मस्त कार्यों का संचालन करना । (२) अर्थ मन्त्री के कार्यो में सहायता प्रदान करना । सार्वजनिक समिति सम्मेलन के संविधान के अनुसार सार्वजनिक समिति का अधिवेशन समय समय पर हुआ करेगा । सार्वजनिक समिति का अधिवेशन वर्ष में एक बार होना अत्यावश्यक है । सावजनिक समिति में उन्हीं सदस्यों को मत देने का अधिकार होगा जो सम्मेलन के साधारण सदस्य, वार्षिक सदस्य, आजीवन व स्थाई सदस्य तथा माननीय सदस्य होंगे। इस समिति में मत देने के लिये नि शुल्क सदस्यता की भी व्यवस्था Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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