Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 27
________________ ( २५ ) अपने कार्य भार से मुक्त नहीं होगा, अब तक कोई निर्वाचित प्रचार मन्त्री कार्य-भार न ग्रहण कर ले। परन्तु इसी बीच वह किसी कारणवश पद त्याग करना चाहे तो अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा प्रधान मन्त्री के नाम अपना त्याग पत्र दे सकेगा। __ स्वेच्छा से पद त्याग करने के अतिरिक्त प्रचार मन्त्री को अपने पद से हटाने की भी व्यवस्था की गयी है। वह ऐसी ही परिस्थिति में हटाया जायगा, जब कि वह सम्मेलन के निवनी का उल्लंघन करता हुआ उसके संविधान के प्रतिकूल कार्ण करेगा। कार्य एवं अधिकारः-सम्मेलन के संविधान के अनुसार प्रचार मन्त्री के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगे:(१) धार्मिक साहित्य इकट्ठा करके ट्रैक्टस् व पत्र-पत्रिकाओं या अन्य किसी तरीके से अहिंसा का प्रचार करवाना । (२) बड़े-बड़े धार्मिक त्यौहारों, जलसों तथा मेलों पर घूम-घूम ____ कर अहिंसा एवं जैन धर्म का प्रचार करवाना। (३) धार्मिक फिल्मों को प्रधान मंत्री की राय से तैयार कराना तथा उनके द्वारा देश-विदेश में प्रचार करवाना । (४) प्रचार विभाग के समस्त आय व्यय का हिसाब रखना तथा वार्षिक बजट तैयार करवाना। (२) अपने विभाग की रिपोर्ट प्रधान मंत्री के समक्ष उपस्थित करते रहना। (६) समग्र विश्व में अहिंसा एवं जैन धर्म का प्रचार करवाना। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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