Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 39
________________ ( ३७ ) पुरातत्व मन्त्री निर्वाचन एवं पद त्याग : - सम्मेलन के अनुसार ही पुरातत्व मन्त्री का निर्वाचन होगा धान के अनुसार पुरातत्व मन्त्री पद त्याग भी कार्य एवं अधिकार :- सम्मेलन के संविधान के अनुसार पुरातत्व मन्त्रीके निम्नलिखित कार्य्य एवं अधिकार होंगे (१) पुरातत्व विभाग से सम्बन्धित सभी कार्यो का सञ्चालन कर सकेगा । : संबिधान के तथा इसी संबि करना । (२) समाज की सभी बर्तमान तथा प्राचीन बस्तुओं की रक्षा का प्रबन्ध करना । (३) प्राचीन शास्त्र, खण्डहर मूर्तियों एवं शिला लेखों आदि का अनुसन्धान करवाना । (४) प्राचीन वस्तुओं का (जो अनुसन्धान करने के पश्चात् प्राप्त हुयी है) उचित स्थान पर भिजवाने का प्रबन्ध करना तथा उनकी रक्षा करना । (५) अप्रकाशित शास्त्रों का पता लगाकर प्रकाशन विभाग को सौंप देना । (६) जैन समाज से सम्बन्धित, मन्दिरों, पुस्तकालयों, संस्थाओं धर्मशालाओं, औषधालायों, कालेजों, विद्यालयों, आदि जो भी सम्मेलन के अन्तर्गत सम्बन्धित हैं, उनकी मरम्मत, रक्षा, प्रबन्ध तथा अन्य कार्यो का (जो पुरातत्व विभाग से सम्बन्धित हो ) सभ्वालन करना । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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