Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 26
________________ ( २४ ) को कार्य रूप में परिवर्तित करना । (१०) सम्मेलन के सभी रसीद, चालान, बाउचर, कागज, पत्र व दस्तावेज आदि पर हस्ताक्षर करना । (११) कार्यकारिणी द्वारा स्वीकृत वार्षिक रिपोर्ट व हिसाब को सम्मेलन की ओर से प्रकाशित करवाना | (१२) बैंक के खातों को सम्मेलन की नियमावली के अनुसार सभ्चालित करना | बैंक खाता सम्मेलन के नाम से ही खोला जायगा । बैंक से प्रधान मन्त्री तथा अर्थ मन्त्री की सही होने पर ही रुपया निकाला जा सकेगा । (१३) सम्मेलन के कार्यों के लिये मन्त्रियों द्वारा प्रस्तावित वजट कार्यकारिणी समिति में व आवश्यकतानुसार सार्वजनिक समिति में पास करवाना । (१४) संयुक्त मन्त्री को प्रधान मन्त्री के प्रत्येक कार्य में सहायता करने तथा उनकी अनुपस्थिति में उनके समस्त कार्यों का सञ्चालन करने का अधिकार होगा । प्रचार मन्त्री निर्वाचन :- सम्मेलन के संविधान के अनुसार कार्यकारिणी समिति के प्रचार विभाग का प्रधान प्रचार मन्त्री होगा । उसका निर्वाचन प्रधान मन्त्री की सलाह से कार्य - कारिणी समिति द्वारा किया जायगा । पद त्याग : - प्रचार मन्त्री अपने पद ग्रहण की तिथि से लेकर पांच वर्ष तक अपने पद पर बना रहेगा और तब तक Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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