Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 25
________________ ( २३ ) ऐसी परिस्थिति में नियमावली का उल्लंघन करने पर प्रधान मंत्री को अपने पद से हटाने के लिए कार्यकारिणी समिति की बैठक होगी। उस समय सभा में प्रधान मन्त्री पर महाभियोग लगाये जायेंगे। अभियोग सिद्ध होने पर सभापति के निर्णयानुसार प्रधान मन्त्री को अपना पद छोड़ना पड़ेगा। इसके पश्चात् कार्य कारिणी समिति को दूसरा प्रधान मन्त्री चुनने का अधिकार होगा। संयुक्त मन्त्री को भी इन तरीकों से पदच्युत किया जा सकता है। संयुक्त मन्त्री पांच वर्ष तक अपने पद पर बना रहेगा। कार्य एवं अधिकार :(१) सम्मेलन के आय-व्यय व हिसाब पर कड़ी नजररखना। (२) माननीय सदस्य के आग्रह को कार्यान्वित करना। (३) सब आवश्यक पत्र व्यवहार अपने निरीक्षण में कराना तथा विभिन्न विभागों के मन्त्रियों के कार्यों की समुचित व्यवस्था करना। (४) कार्यकारिणी तथा सार्वजनिक समिति के अधिवेशन में उपस्थित होकर कार्यक्रम, पत्र रिपोर्ट, तथा आवश्यक प्रस्ता वादि उपस्थित करना। (५) सम्मेलन की वार्षिक रिपोर्ट तैयार करवाना। . (६) सम्मेलन के सभी विभागों के कार्यों की देख-भाल करना। (७) अनुचित एवं नियम विरुद्ध कार्य न होने देना। (८) वार्षिक बजट पेश करना। (९) कार्यकारिणी व सार्वजनिक समिति द्वारा स्वीकृत प्रस्तावों Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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