Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 29
________________ ( २७ ) का प्रकाशन करवाना। (२) छोटे बड़े सभी प्रकार के द्रक्ट्स प्रकाशित करवाना। (३) अपने विभाग की रिपोर्ट प्रधान मन्त्री के समक्ष उपस्थित करते रहना। (४) वार्षिक बजट पास करवाना। (५) आय-व्यय का हिसाब रखना तथा उस हिसाब को अर्थ विभाग को सौंप देना। (६) सम्मेलन से सम्बन्धित सभी विभागों के प्रकाशन का कार्य करवाना । (७) प्रेस विभाग एवं समाचार पत्र विभाग के कार्यों की देख भाल करना। (८) प्रेस विभाग के कार्यों का निरन्तर निरीक्षण करते रहना। (8) समयानुसार समाचार पत्र का प्रकाशन करवाना। (१०) सभी भाषाओं में ट्रैक्ट्स व पुस्तकें प्रकाशित करवाना। उप-प्रकाशन मन्त्री निर्वाचन एवं पदत्यागः-सम्मेलन के सविधान के अनुसार ही उप-प्रकाशन मन्त्री का निर्वाचन होगा तथा इसी संविधान के अनुसार उप-प्रकाशन मन्त्री पदत्याग भी कर सकेगा। कार्य एवं अधिकारः-सम्मेलन के संविधान के अनुसार उप प्रकाशन मन्त्री के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगे:-- १. प्रकाशन मन्त्री की अनुपस्थिति में सम्मेलन के प्रकाशन _ विभाग से सम्बन्धित समस्त कार्यों का सञ्चालन करना । २. प्रकाशन मन्त्री के कार्यों में सहायता प्रदान करना । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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