Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 35
________________ ( ३३ ) कार्य एवं अधिकार :-सम्मेलन के संविधान के अनुसार ही उपसेवा मन्त्री के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगे:(१) सेवो मन्त्री की अनुपस्थिति में सम्मेलन के सेवा विभाग से ___ सम्बन्धित समस्त कार्यों का सञ्चालन करना। (२) सेवा मन्त्री के कार्यों में सहायता प्रदान करना । शासन मन्त्री निर्वाचन एवं पद त्याग :-सम्मेलन के संविधान के अनुसार ही शासन मन्त्री का निर्वाचन होगा तथा इसी संवि-. धान के अनुसार शासन मन्त्री पद त्याग भी कर सकेगा। काय एवं अधिकार :-सम्मेलन के संविधान के अनुसार शासन मन्त्री के कार्य एवं अधिकार निम्नलिखित होंगे:(१) राजनीति सम्बन्धी सभी कार्यो का सञ्चालन करना। (२) सदस्यों का निर्वाचन करना तथा चुनाव में बिजयी होने के लिये सदस्यों द्वारा प्रचार कार्य करवाना। (३) सदस्यों को गुटबन्दी नहीं करने देना। (४) राजनीति संबंधी सभी प्रकार की आवश्यक सूचनाओं से प्रधान मन्त्री को अवगत करना। (५) संसद सदस्यों के साथ सम्बन्ध रखना, जो चुनाव में विजयी होकर सम्मेलन की ओर से देश का सञ्चालन करेंगे। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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