Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 13
________________ ( ११ ). विश्व के प्रत्येक भाग में इस सेवा दल की शाखायें बनायी जायेंगी । इस विभाग का मुख्य कर्तव्य होगा कि अनुशासनपूर्व शान्ति के साथ सामाजिक तथा धार्मिक सेवायें करना । अनुशासन तथा कर्तव्यशील व्यक्तियों को ही इसका सदस्य बनाया जायेगा । राजनैतिक विभाग सम्मेलन के अन्तर्गत एक राजनैतिक विभाग होगा । वर्त्त - मान युग की परिस्थितियों को देखते हुये जैन समाज के कल्याण के वास्ते देश की राजनीति में भी सम्मेलन को प्रवेश करना होगा । वर्त्तमान सरकार जैन समाज के प्रति एकदम उदासीन है । इसका मुख्य कारण संसद में किसी भी जैन सदस्य का प्रतिनिधित्व नहीं है, जो समाज की जटिल समस्याओं को सरकार के सम्मुख उपस्थित करे । समाज की समस्याओं को देखते हुए सम्मेलन को राजनीति में प्रवेश करना होगा । सम्मेलन अधिक से अधिक व्यक्तियों को राजनैतिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा । इस राजनैतिक संगठन का नाम 'अहिंसा' रखा जायेगा । इसके सदस्यों को देश तथा समाज की सत्यता पूर्वक सेवा करनी होगी । स्वार्थ के वशिभूत होकर भाग लेने वाले सदस्य को तुरन्त हटा दिया जायगा । चुनाव में विजयी होने वाले सदस्यों को सम्मेलन के प्रत्येक नियम का ध्यान रखते हुए कार्य करना होगा । समाज की जटिल समस्याओं को देखते हुए ही राजनैतिकविभाग की स्थापना की जायगी । Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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