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( १७ ) एक सौ एक सदस्य रहेंगे। उनमें से १५ ऐसे सदस्यों को प्रधान मन्त्री सभापति की राय से मनोनीत करेंगे, जो साहित्य, विज्ञान, कला, सामाजिक सेवा, शिक्षा, राजनीतिक, सांस्कृतिक आदि कार्यों में विशेष ज्ञान और अनुभव रखते हैं। शेष सदस्यों का निर्वाचन शैक्षणिक प्रणाली के अनुसार होगा। कार्यकारिणी स मति का सदस्य होने के लिए निम्नलिखित योग्यताओं की आवश्यकता है :(१) वह जैन धर्म को मानने वाला हो, तथा उसकी
धार्मिक कार्यों में भाग लेने की इच्छा हो। (२) उसकी अवस्था २५ बर्ष की हो। (३) कार्य कारिणी समिति द्वारा निश्चित की गयी योग्य
ताएँ बर्तमान हों। (४) कम से कम माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा
पास की हो। इन योग्यताओं को रखने वाला नागरिक ही कार्यकारिणी समिति का सदस्य हो सकेगा । कार्यकारिणी समिति का अधिवेशन महीने में एक बार होना आवश्यक है। निर्णयः-किसी विषय पर भी बर्तमान कार्यकारिणी समिति का मत बाध्यतामूलक अन्तिम निर्णय होगा। यदि किसी खास मौके पर कार्यकारिणी समिति के सदस्य सभा बुलाने को कहे
और प्रधान मत्री सभा न बुलाये तो ऐसी अवस्था में बारह कार्यकारिणी समिति के सदस्य बिषय बतलाते हुए लिखित नोटिस प्रधान मन्त्री को देगें। तब प्रधान मंत्री सभा को बुलाने के लिए
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