Book Title: Parichay Patra
Author(s): Rupchand Jain
Publisher: Antarrashtriya Jain Sammelan

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Page 20
________________ ( १८ ) बाध्य होगें। यदि इतने पर भी प्रधान मंत्री सात दिनों तक सभा बुलाने की सूचना न दे तो वे ही सदस्य दूसरी नोटिस सभापति को देगें। यदि सभापति भी सात दिन के अन्दर सभा बुलाने की सूचना न दे तो वे ही बारहों सदस्य सभा का कारण बतलाते हुये तीन माननीय सदस्यों तथा अपनी सही से सात दिन के भीतर सभा बुला सकेगें। वह सभी नियमानुसार समझी जायेगी, पर उस सभा में समिति के नियम के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं हो सकेगी। इस अवसर पर सभापति तथा प्रधान मन्त्री दोनों की उपस्थिति अनिवार्य है । सभा के अन्दर अनुशासन रखना अत्यावश्यक है । सभापति की अनुमति के बिना कोई भी सदस्य सभा में नहीं बोल सकेगा। किसी विषय पर भी बोलने के लिये सभापति की अनुमति लेना आवश्यक होगा। मतदान द्वारा किये गये निर्णयों की घोषणा सभापति द्वारा की जायेगी। पक्ष और विपक्ष में बराबर मतदान की स्थिति उत्पन्न होने पर सभापति को अपना महत्वपूर्ण मत देने का अधिकार होगा। कार्यकारिणी समिति का यह निर्णय प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के मतदान में स्वीकार होगा। कार्य एवं अधिकार:-कार्यकारिणी समिति के निम्नलिखित कार्य एवं अधिकार होंगे:१. सम्मेलन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नियमादि बनाना तथा उनकी सुविधा के लिए उपममितियों का निर्वाचन करना। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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