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ही साथ सरकार से भी इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये शक्ति भर अनुरोध करेंगे ।
पुस्तकालय - विभाग
इस
सम्मेलन के अन्तर्गत एक 'अन्तर्राष्ट्रीय जैन पुस्तकालय' होगा, जिससे मानव मात्र के अन्दर नैतिक, धार्मिक तथा सामाजिक भावनाओं का विकास हो । यह पुस्तकालय एक वृहत्तर पुस्तकालय का रूप ग्रहण करेगा । पुस्तकालय में सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, भौगोलिक, शिक्षा सम्बन्धी, बालोपयोगी तथा अहिंसा सम्बन्धी पुस्तकों को ही रखा जायगा, जिनके द्वारा मानव का कल्याण हो तथा उनसे कुछ शिक्षा प्राप्त की जा सके । प्राचीन तथा वर्तमान कवि या लेखकों द्वारा रचित प्रत्येक पुस्तक को इस पुस्तकालय में स्थान प्राप्त होगा बशर्ते की वह पुस्तक जैनधर्म सम्बन्धी हो ।
सेवा विभाग
सम्मेलन के अन्तर्गत एक सेवा विभाग होगा, जिसका नाम 'अहिंसा सेवा दल' रखा जायेगा । इस विभाग के सदस्य हरेक समय सामाजिक तथा धार्मिक प्रतिष्ठानों पर अपनी सेवायें अर्पित किया करेंगे। जब कभी भी सेवा विभाग के सदस्यों की आवश्यकता होगी, उनकी उपस्थिति आवश्यक है । सेवा विभाग के सदस्यों का कर्तव्य होगा कि प्रत्येक सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक तथा जिस काम में भी उनकी आवश्यकता हो, अपने सफल नियन्त्रण द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन करें ।
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