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ॐ
आचार्यपदाराधन त्रोजा दिवसनुं र्कत्तव्य.
श्री आचार्यपद माहात्म्य तथा तेमना गुणोनो विचार .
पांच आचारना शुद्ध स्वरूपने आराधन करी बताववा रूप उपकारथी ध्यान करवा योग्य श्री आचार्य भगवंतना अनेक गुणो पैकी छत्रीश छत्रीशीओ मुख्य छे, संबोधप्रकरणमां श्री हरिभद्रसूरि भगवंते तेथी पण वधारे छत्रीशीओ गणावी श्री आचार्यभगवंतना गुणो गाया छे. तेमनुं ध्यान करवा मुख्य छत्रीशी (३६ गुणो ) ए जाप करवामां आवे छे.
||श्री आचार्य पदना ३६ गुणो ॥
पडिरुवाइ चउदस, खंतिमाइय दसविहो धम्मो । बारस य भावणाओ, सूरिगुणा हुंति छत्तीसं ॥१॥ पडिरूवादिक चौदगुण, क्षान्त्यादिक दश धर्म । भावना बार छत्रीश ए, सूरिगुणनुं मर्म, ॥ १ ॥