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महावीर की साधना का रहस्य
पहली अपेक्षा है-शरीर का पूर्ण शिथिलीकरण और दूसरी अपेक्षा है ममत्व का शिथिलीकरण । जब तक 'मेरा शरीर' यह भावना रहेगी तब तक पूरा कायोत्सर्ग नहीं हो सकेगा । कायोत्सर्ग के साथ भेद-विज्ञान आवश्यक हैं । देहाभ्यास का छूटना बहुत जरूरी है । 'आत्मा भिन्न और शरीर भिन्न' -यह बुद्धि जब तक स्पष्ट नहीं होती तब तक पूरा कायोत्सर्ग नहीं हो सकता । अन्दर का तनाव बना रहता है । 'कहीं गिर न जाऊं', 'मेरे शरीर पर चोट न आ जाए' यह विचार आते ही शरीर में तनाव आ जाता है। कायोत्सर्ग के समय ममत्व को इतना विसर्जित कर देना होता है कि यह भाव ही न रहे कि शरीर मेरा है । साधना की यह भी एक पद्धति है। इससे आगे की बात है-कर्म का विसर्जन । यह कठिन साधना है । यह कोई हाथ की बात नहीं है । यदि यह सरल होता तो व्यक्ति आठों ही कर्मों का विसर्जन कर अकर्म बन जाता । पर ऐसा हो नहीं सकता । कर्म के विसर्जन की साधना क्या है-इसे समझना है । ज्ञानावरण कर्म का विसर्जन करने का तात्पर्य है कि ज्ञानावरण कर्म की प्रकृतियों को नष्ट करने वाली साधनाओं में लग जाना । इसका नाम है--कर्म का व्युत्सर्ग । जिन उपायों से नरकगति, तिर्यञ्चगति, मनुष्यगति और देवगति के आयुष्य का बंध होता है, उन उपायों को समाप्त करने की साधना करना-इसका मतलब है संसार का व्युत्सर्ग । अगर यह न हो तो संसार का व्युत्सर्ग तप क्या होगा ? संसार का व्युत्सर्ग तप तब होगा जब यह संसार नष्ट हो जायेगा, तेरहवें-चौदहवें गुणस्थान के बाद । तप वही है कि जिस कर्म के प्रभाव से संसार बढ़ रहा है, उसके प्रतिपक्ष में ऐसी साधना करना जिससे संसार का आयुष्य टूट जाये। कर्म-व्युत्सर्ग का तात्पर्य है कि ऐसी साधनाएं करना, जिससे कि कर्म की जो प्रकृतियां हैं, कर्म का जो स्वभाव है, वह टूट जाए । इस साधना का विकास आवश्यक है । आज इस साधना का स्वरूप ही प्राप्त नहीं है। कितना अच्छा होता कि आज इसका अन्वेषण होता और साधक इस कर्म-व्युत्सर्ग की प्रक्रिया में लगते ।
कर्म आठ हैं और उनकी पचासों प्रकृतियां हैं। उन प्रकृतियों को परिवर्तित करने के लिए, उनका व्युत्सर्ग करने के लिए, अमुक-अमुक साधना निश्चित की जाए कि इस साधना के द्वारा अमुक कर्म की अमुक प्रकृति विसर्जित हो सकती है, तो बहुत बड़ा लाभ हो सकता है । असाध्य माने जाने वाली स्थितियों को हम साध्य बना सकें—यह है कर्म-व्युत्सर्ग की प्रक्रिया।
ये सारी प्रक्रियाएं आन्तरिक हैं, मानसिक स्तर पर घटित होने वाली हैं।